Shimla News: शिमला के निजी बस चालकों को मिले पहचान पत्र, आराम करने के लिए भी उपलब्ध कराए जाएंगे रेस्ट रूम
Shimla News हिमाचल प्रदेश के शिमला में निजी बस चालकों को पहचान पत्र मिले हैं। वहीं आराम करने के लिए भी रेस्ट रूम उपलब्ध कराए जाएंगे। परिचालकों ने परिवहन निदेशक को बताया कि प्रदेश में मात्र 5 प्रतिशत परिचालकों के पास ही बसों में ई-टिकटिंग मशीनें है अन्य परिचालक आज भी पुराने तरीके से ही यात्रियों को टिकट देते हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला। राजधानी शिमला के निजी बस चालक व परिचालकों ने परिवहन विभाग से मांग उठाई है कि इन्हें भी पहचान पत्र जारी किए जाएं। इसके अलावा निजी बस ऑपरेटरों को शिमला में आराम करने के लिए रेस्ट रूम की व्यवस्था की जाए। इस संबंध में शहर के निजी बस चालक व परिचालक संघ ने परिवहन विभाग को एक ज्ञापन भेजा है।
इस ज्ञापन में मांग उठाई गई है कि विभाग निजी बस ऑपरेटर और चालक परिचालकों की एक बैठक बुलाए। इस बैठक में ऑपरेटरों को चालक परिचालकों को आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाने के आदेश जारी किए जाए।
प्रदेश में चलती हैं 3300 निजी बसें
यूनियन के उपाध्यक्ष मनोज टंडन व महासचिव अखिल गुप्ता ने निदेशक को बताया कि प्रदेश भर में करीब 3300 निजी बसें चलती है लेकिन न तो निजी बस ऑपरेटर की ओर से पहचान पत्र दिया जाता है और न ही अन्य कोई सुविधाएं। इसके अतिरिक्त वेतन देने सीधे हर माह बैंक खाते में दी जाए। इसके अतिरिक्त चालक परिचालकों को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के हर बस अड्डे पर रेस्ट रूम की सुविधा दी जाए।यह भी पढ़ें: Shimla News: 'राजनीति के लिए फिट नहीं अभिनेत्री, बॉलीवुड है उनकी प्राथमिकता'; कंगना के चुनाव लड़ने पर बोले विक्रमादित्य
टिकटिंग मशीनें भी मिले
परिचालकों ने परिवहन निदेशक को बताया कि प्रदेश में मात्र 5 प्रतिशत परिचालकों के पास ही बसों में ई-टिकटिंग मशीनें है, अन्य परिचालक आज भी पुराने तरीके से ही यात्रियों को टिकट देते हैं। परिचालकों ने बताया कि कितने किलोमीटर में कितना किराया बनेगा इसका भी पता नहीं चल पाता। बसों में कई बार यात्री का किराया 7 रुपए बनता है तो यात्री 5 रुपए पकड़ा कर चले जाते है। ऐसे में निजी बसों में ई-मशीनों को होना जरूरी है।यह भी पढ़ें: Holi 2024: लॉन्ग वीकेंड पर शिमला में आई सैलानियों की बहार, होली मनाने पहाड़ों पर पहुंचे पर्यटक; होटल हुए फुल
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