Himachal Assembly Session Live: मानसून सत्र कार्यवाही का दूसरा दिन, नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से पूछे कड़े सवाल
हिमाचल विधानसभा में दूसरे की कार्यवाही बिना किसी गतिरोध के शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने संस्थानों को खोलने को लेकर सरकार पर निशाना साधा और बोले कि दस महीनों में दस साल पीछे चला गया है हिमाचल प्रदेश। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार पिछली सरकार की तरह नहीं करेगी। पहले पद भरे जाएंगे फिर संस्थान खोले जाएंगे।
शिमला, जागरण संवाददाता: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है, आज सदन में दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। वहीं, मंगलवार को जयराम ठाकुर ने अनुपूरक सवाल पूछते हुए कहा कि जो संस्थान खोले गए थे वह जनप्रतिनिधि की मांग पर खोले गए थे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसे कितने संस्थान हैं जो सरकार ने आपके समय में खोले थे वह शुरू नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल में कई संस्थान आठ-आठ महीनों से फक्शनल थे, अधिकारी उन कार्यालयों में बैठे थे। फिर उन्हें क्यों बंद करने की जरूरत पड़ी?
जयराम ठाकुर ने कही ये बात
आगे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पालमपुर में होली त्यौहार के कार्यक्रम में गए। उन्होंने वहां के स्थानीय विधायक ने बीडीओ ऑफिस जो बंद किया है उसे दोबारा खोलने की बात कही। मुख्यमंत्री ने मंच से इन संस्थानों को दोबारा खोलने का एलान किया। इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में एसडीएम और बीडीओ का कार्यालय जो पूर्व सरकार ने खोले थे वह बंद किए। जब विधायक ने वह मांग उठाई तो दोबारा खोलने की घोषणा की गई।
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उन्होंने कहा कि दस महीनों हिमाचल को दस महीने पीछे चला गया है, जो संस्थान स्थापित हो गए हैं क्या आप उन्हें दोबारा से नोटिफाई करेंगे। इस पर सदन में स्थिति स्पष्ट की जाए। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के विधायक यह लिखकर दें कि उन्हें संस्थान नहीं चाहिए और उन्हें बंद कर दिया जाए। भाजपा के विधायक लिखकर देने को तैयार है।
सीएम ने दिया जबाव
मूल प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष चार मिनट तक सदन में बोलते रहे और हमने उनकी बात को ध्यान से सुना। मेरा उनसे आग्रह है कि वह सवाल लगाए हम विस्तृत जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि यह सरकार पिछली सरकार की तरह नहीं करेगी। पहले पद भरे जाएंगे फिर संस्थान खोले जाएंगे।
सीएम सुक्खू ने जमकर साधा जयराम पर निशाना
सत्र में पावंटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी की ओर से सवाल किया गया कि एक जनवरी से 31 अगस्त तक कितने नए हाइडल प्रोजेक्ट के एमओयू साइन किए गए हैं। इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने पूर्व की जयराम सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने इनवेस्टर मीट के दौरान उर्जा के क्षेत्री में एमओयू साइन कर हिमाचल के हकों को बेचा है।
उन्होंने कहा कि इनवेस्टर मीट के दौरान हिमाचल के हितों को बेचने का काम किया गया। जो एमओयू साइन हुए उससे भविष्य में आने वाली पीढ़ी को कुछ भी नहीं मिलने वाला था। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एसजेवीएनएल के साथ जो साइन किए, उसमें रॉयल्टी के क्लॉज को हटाया गया। सैंज, लूहरी व धौलासिद्ध, सुन्नी परियोजनाओं का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि 40 साल बाद जो प्रोजेक्ट हिमाचल को वापस मिलने की जो शर्त होती है उसे भी हटा दिया था।
सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार ने ऊर्जा नीति में बदलाव किया। एसजेवीएनएल को नोटिस जारी किया। इतना ही नहीं नई ऊर्जा नीति में बदलाव कर प्रोजेक्ट लगने के शुरुआती 10 साल तक 4 प्रतिशत फ्री बिजली का प्रावधान किया। 10 स 25 साल तक 8 प्रतिशत फ्री बिजली मिलेगी। 25 से 40 साल तक 12 प्रतिशत फ्री पावर का प्रावधान किया।
विकास कार्यों पर कही ये बात
मुख्यमंत्री ने पूर्व सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लाडा यानी लोकल एरिया डवेलपमेंट फंड और जीएसटी व अन्य टैक्स के रूप में मिलने वाली राशि का क्लॉज भी हटाया। उनकी सरकार ने इसमें भी बदलाव किया। इससे हिमाचल को टैक्स भी आएगा। सार्वजनिक उपक्रम के अधिकारी अब मिल बैठकर मामला सुलझाने को तैयार है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है यदि वह सरकार की शर्तें नहीं मानते तो हम इन परियोजनाओं का अधिग्रहण करेंगे।
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कर्ज माफ करने के लिए केंद्र के सामने मांग उठाए सत्ता पक्ष-विपक्ष
प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सरकार के आपदा संकल्प पर चर्चा जारी रही। इसमें सता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने हिस्सा लिया। चर्चा में भाग लेते हुए देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष को मिलकर केंद्र से हिमाचल के 75 हजार करोड़ के कर्ज में से 50 हजार करोड़ माफ करने की मांग करनी चाहिए। विधायक होशियार सिंह ने कहा कि प्रदेश में जो आपदा आई है वो प्रकृति की बजाए मानव निर्मित आपदा है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
आपदा से निपटने के लिए डिजास्टर फंड बनाए सरकार
विधायक होशियार सिंह ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि हिमाचल पहाड़ी इलाका है और यहां भविष्य में आपदा से नुकसान होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि सरकार इससे निपटने के लिए रिजर्व फंड की योजना बनाएं। सरकार पेट्रोल, गाड़ियों और प्रदेश से बाहर लकड़ियों और रेत-बजरी की गाड़ियों पर डिजास्टर टैक्स लगाकर फंड का प्रावधान कर सकती है, जिससे कि भविष्य में इसका पैसा ऐसी आपदा में इस्तेमाल किया जा सके।
आगे होशियार सिंह ने कहा कि नदी और खड्डों में माइनिंग करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में इनका तल 20-20 फुट ऊंचा हो गया है। अगर इनकी माइनिंग नहीं की गई तो अगली बार लोगों के घरों में पानी घुसेगा।
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भाजपा विधायक रणधीर शर्मा बोले- सरकार में चल रहा कॉम्पिटिशन
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि सदन नियमों और परंपरा से चलता है। नई व्यवस्था शुरु हुई है। सरकार जो ईगो रखती है, वह नहीं होनी चाहिए। राष्टीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव है लेकिन जब आपदा आई तो सरकार कितनी गंभीर थी।
आगे बोले कि मुख्यमंत्री सर्वदलीय बैठक बुलाते फिर बोलते दिल्ली जाना है और अब तीन महीने बाद बोल रहे हैं। 10 दिन बाद कैबिनेट हो रही है। सीएम ओल्टों में डिप्टी सीएम बस में बैठ जाते है। सीएम मक्के की रोटी खाते है ढाबे में तो डिप्टी सीएम गोल गप्पे खाते हुए वीडियो वारयल कर देते है। सरकार में कॉम्पिटिशन चल रहा है।
उत्तराखंड त्रासदी के राहत पैकेज के आंकड़ों को लेकर सदन में हंगामा
हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर हिमाचल प्रदेश विधनसभा में चर्चा चल रही है। चर्चा के दूसरे दिन उत्तराखंड में आई 2013 की त्रासदी में केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा जारी किए गए विशेष राहत पैकेज के आंकड़ों को लेकर हंगामा हो गया।
सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से करीब 15 मिनट तक खूब नोकझोंक हुई और दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी हुई। इस दौरान एक दूसरे को ठग और महाठग कहा गया। जमकर हंगामे के बीच मुख्य्मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी सदन में आना पड़ा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया दोनों पक्षों के सदस्यों को शांत करने में लगे रहे और कहा कि अध्यक्ष को खड़ा होना पड़ा है कुछ तो कुर्सी का सम्मान करो।
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चर्चा में भाग लेते हुए मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि उत्तराखंड की त्रासदी 16 मई 2013 की आई और यूपीए 2 के तहत मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए 9 हजार करोड़ का नुकसान उत्तराखंड में हुआ और 4345 करोड़ रुपये की विशेष सहायता दी। 17 मई को ही एक हजार करोड़ का विशेष राहत पैकेज दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ भी नहीं दिया है।
सीएम सुक्खू ने भाजपा महिला विधायक रीना कश्यप को दिया मंत्री पद का ऑफर
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सदन में मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी की महिला विधायक रीना कश्यप को मंत्री बनने का ऑफर दे दिया। सीएम सुक्खू ने कहा कि आप कांग्रेस में आ जाओ आपको हम मंत्री बना देंगे। सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लोकसभा के विशेष सत्र में नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश करने को लेकर बोल रहे थे। उन्होंने इसे ऐतिहासिक दिन में ऐतिहासिक बिल करार दिया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि रीना कश्यप विधानसभा में इकलौती महिला विधायक है। वह महिलाओं का सम्मान करते हैं। इस दौरान भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि इन्हें मंत्री बना दो। सुक्खू ने हंसते-हंसते रीना को मंत्री बनने की बात कह डाली और कहा कि इस तरफ आ जाओ मंत्री बना देंगे। इस पर सदन में मौजूद सभी सदस्यों ने हंसी का ठहाका लगाया।
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मुख्यमंत्री सुक्खू ने नारी शक्ति वंदन बिल पेश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे नारी शक्ति को और ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम उठाते हुए पंचायतारीज संस्थाओं में 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था।
उन्होंने कहा कि 2010 में सोनियां गांधी ने एक एतिहासिक फैसला लेते हुए इस बिल को राज्य सभा में पेश कर इसको पारित करवाया था, तब से यह विधेयक राज्यसभा में था। यही नहीं बीते दिनों हैदराबाद में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में यह कहा गया कि विधानसभाओं और लोकसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए। जयराम ठाकुर ने भी इसके लिए बधाई दी।