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Shimla News: 40 फीसदी ठीक हुआ रेल लाइन का काम, 16 सितंबर तक बहाल होगी कालका से सोलन तक की रेल सेवाएं

कालका शिमला रेलवे ट्रैक को रेलवे विभाग जल्द से जल्द ठीक करने में जुटा हुआ है बारिश और भूस्खलन के कारण ये रेल सेवा पूरी तरह से बाधित हो गई थी। वहीं रेलवे ने 30 सितंबर की डेडलाइन तय किया गया था। जिसका 40 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही 16 सितंबर तक कालका से सोलन रेल सेवाओं को बहाल कर दिया जाएगा।

By Shikha VermaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sun, 10 Sep 2023 04:13 PM (IST)
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16 सितंबर तक बहाल होगी कालका से सोलन तक की रेल सेवाएं (फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता शिमला: विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर अक्टूबर से दोबारा रेल सेवा बहाल होगी। बारिश और भूस्खलन के कारण बाधित हुई रेल सेवा को बहाल करने के लिए रेलवे ने 30 सितंबर की डेडलाइन तय किया था। अभी तक 40 फीसद काम पूरा कर लिया गया है। दो चरणों में यह काम किया जा रहा है।

कालका से सोलन तक 16 सितंबर तक रेल लाइन को पूरी तरह ठीक कर रेल सेवा शुरू की जाएगी। इसका काम अंतिम चरण में है। वहीं, समरहिल के नजदीक टूटी पटरी पर लोहे का पुल बनाया जा रहा है। इसका काम भी 40 फीसदी हो चुका है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, काम के लिए जो डेडलाइन तय की है तब तक इस काम को पूरा कर दिया जाएगा।

शिमला और कालका रेलवे ट्रैक के बीच रेल सेवा बहाल हो जाएगी। रेलवे जल्द से जल्द इस सेवा को दुरूस्त करना चाहता है जिससे शिमला आने वाले पर्यटकों व अन्य लोगों को इसका लाभ मिल सकें।

बीते 14 अगस्त को हुआ था भूस्खलन

भारी बारिश और भूस्खलन के दौरान रेलवे लाइन के नीचे से पूरी जमीन ही धंस गई थी। 60 मीटर रेल ट्रैक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। रेलवे की टैक्निकल टीम ने तुरंत इसका काम शुरू करवा दिया है। देश भर के सैलानी जो शिमला घूमने आते हैं वह गाड़ियों के बजाए रेल से यहां आना पसंद करते हैं।

15 सितंबर तक रद्द की है सारी ट्रेनें

कालका से शिमला के लिए 15 सितंबर तक सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। कोटी तक ट्रैक को खोल दिया गया है। बता दें कि ट्रैक में कालका से शिमला के बीच काफी नुकसान हुआ। बारिश से कई जगहों में ट्रैक पर लगे डंगे टूट गए हैं। टकसाल से धर्मपुर रेलवे स्टेशन के बीच भी कई जगह लाइन के नीचे बने नाले टूट गए हैं। कोटी रेलवे स्टेशन के पास भी ट्रैक पर मलबा सुरंग में भी चला गया था। टनल के साथ बने नाले ने भी सुरंग को काफी नुकसान पहुंचाया है। जिससे सुरंग के अंदर पानी भी इकट्ठा हो गया है। जबकि शिमला में 60 मीटर रेल ट्रैक के नीचे से जमीन ही खिसक गई है।

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