Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

हिमाचल प्रदेश में एक और दो दिसंबर को लगाई जाएगी राजस्व लोक अदालत, CM सुक्खू बोले- लंबित राजस्व मामलों का 20 जनवरी तक करें निपटारा

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंतकाल तकसीम तथा निशानदेही के लंबित मामलों का 20 जनवरी 2024 तक निपटारा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 1 व 2 दिसंबर को पुनः प्रदेश भर में विशेष अदालत का आयोजन किया जाएगा जिसे राजस्व लोक अदालत का नाम दिया गया है। प्रदेश में 30 व 31 अक्टूबर 2023 को इंतकाल अदालतों का आयोजन हुआ जिसमें 31105 मामले निपटाए गए।

By Parkash BhardwajEdited By: Preeti GuptaUpdated: Tue, 21 Nov 2023 10:25 AM (IST)
Hero Image
हिमाचल प्रदेश में एक और दो दिसंबर को लगाई जाएगी राजस्व लोक अदालत

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंतकाल, तकसीम तथा निशानदेही के लंबित मामलों का 20 जनवरी 2024 तक निपटारा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी ने आज यहां प्रदेश में लंबित राजस्व मामलों की समीक्षा की और सभी उपायुक्तों को मिशन मोड पर लंबित मामलों का निपटारा करने को कहा।

'जन समस्याओं का निपटारा हमारी प्राथमिकता'

सीएम ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आमजन की सरकार है तथा जन समस्याओं का निपटारा हमारी प्राथमिकता है, इसलिए सरकार लंबित राजस्व मामलों की संख्या शून्य करना चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में काफी संख्या में राजस्व मामले लंबित हैं, जिनका तुरंत निपटारा करना आवश्यक है तथा सभी अधिकारी इस मामले पर गंभीरता से पर कार्रवाई करें।

इंतकाल अदालत में निपटाए गए 

सीएम ने कहा कि नायब तहसीलदार से लेकर मंडलीय आयुक्त लंबित राजस्व मामलों की दैनिक आधार पर सुनवाई कर उनका समयबद्ध निपटारा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों की वार्षिक एसीआर में भी इस प्रगति को दर्शाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश भर में 30 व 31 अक्टूबर, 2023 को इंतकाल अदालतों का आयोजन किया, जिसके परिणाम बेहतर रहे तथा इंतकाल के लंबित 41,907 मामलों में से 31,105 का निपटारा कर दिया गया।

एक  और दो दिसंबर को लगाई जाएगी राजस्व लोक अदालत

उन्होंने कहा कि आगामी 1 व 2 दिसंबर को पुनः प्रदेश भर में इस प्रकार की विशेष अदालत का आयोजन किया जाएगा, जिसे राजस्व लोक अदालत का नाम दिया गया है। इस विशेष अदालत में इंतकाल के साथ-साथ तकसीम के बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव आरडी नजीम शिमला में उपस्थित रहे, जबकि सभी उपायुक्त और मंडलीय आयुक्त वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए। मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाएगा।

उपायुक्त निपटाए गए मामलों की रिपोर्ट मासिक आधार पर भेजना सुनिश्चित करें

सुक्खू ने सभी उपायुक्तों को निपटाए गए मामलों की पूरी रिपोर्ट मासिक आधार पर भेजने के निर्देश दिए, जिसमें व्यक्ति का नाम, पता और फोन नंबर का पूरा विवरण उपलब्ध हो।

उन्होंने कहा कि उपायुक्त अपने-अपने जिलों में राजस्व अधिकारियों के साथ बैठकें कर लंबित राजस्व मामलों का तेजी से निपटारा करने की रणनीति तैयार करें। इसके लिए आवश्यकता अनुसार स्टाफ का युक्तिकरण करें। उन्होंने कहा कि किसी भी राजस्व मामले में तीन दिन से अधिक की तिथि न दी जाए।

सरकार उपायुक्तों को सेवानिवृत्त कानूनगो की सेवाएं लेने की अनुमति देगी

लोगों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने राजस्व कानून में संशोधन किया है तथा अब सम्मन की सर्विस इलेक्ट्रानिक माध्यम से भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जिलों में कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार उपायुक्तों को सेवानिवृत्त कानूनगो की सेवाएं लेने की अनुमति भी देगी।

उन्होंने मुख्य सचिव को मंडलीय आयुक्तों के स्तर पर लंबित राजस्व मामलों की निरंतर समीक्षा करने के निर्देश दिए और कहा कि राजस्व मंत्री 20 जनवरी से पहले पूरे प्रदेश में इस मामले की प्रगति की समीक्षा करें।

यह भी पढ़ें- Shimla News: शिकायत आई तो नौकरी से निकाल दी टीचर, आयोग ने तलब किया कॉलेज; शिमला के प्राइवेट बीएड कॉलेज के खिलाफ जांच शुरू

प्रदेश में 31 अक्टूबर 2023 तक तकसीम के लंबित मामले

जिला       लंबित मामलों की संख्या

बिलासपुर     1407

चंबा              680

हमीरपुर       2413

कांगड़ा,      12014

किन्नौर         156

कुल्लू          1057

लाहुल-स्पीति   48

मंडी            3208

शिमला        1288

सिरमौर       1072

सोलन         1156

ऊना           3973

कुल           28472

यह भी पढ़ें-  हिमाचल में जमकर बर्फबारी...अब इस जिले में पर्यटक नहीं कर सकेंगे ट्रैकिंग; पैराग्लाइडर पर्यटकों के लिए एडवाइजरी जारी