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Road Safety With Jagran: बजट के अभाव में हिमाचल की सड़कों पर सफेद पट्टी गायब, नौ बजे के बाद पुलिस भी रफूचक्कर

Road Safety With Jagran राज्य सरकार की अपनी सड़कों पर वाहनों को सुरक्षित यातायात के लिए सफेद पट्टी लगाने के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध नहीं है। यही नहीं सर्दियां शुरू होते ही सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करने वाली पुलिस रात नौ बजे सड़क से गायब हो जाती है।

By Jagran NewsEdited By: Virender KumarUpdated: Fri, 25 Nov 2022 07:47 AM (IST)
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Road Safety With Jagran: दाड़ी बाईपास मार्ग पर रात को कोई पुलिस वाला या ट्रैफिक सिग्नल नहीं। जागरण
शिमला, राज्य ब्यूरो। Road Safety With Jagran, पहाड़ी राज्य की सर्पीली सड़कों पर वाहन चालकों को स्वयं सचेत होकर गाड़ी चलानी पड़ती है। यानी थोड़ी सी लापरवाही जीवन को संकट में डाल सकती है। इसके पीछे कारण यह है कि राज्य सरकार की अपनी सड़कों पर वाहनों को सुरक्षित यातायात के लिए सफेद पट्टी लगाने के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध नहीं है। यही नहीं सर्दियां शुरू होते ही सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करने वाली पुलिस रात नौ बजे सड़क से गायब हो जाती है। रात्रि गश्त करने वाली पुलिस टुकड़ी ही एक स्थान से दूसरी जगह तक पहुंचती है। राज्य मुख्यालय शिमला में ट्रैफिक लाइट्स खराब हुए कई वर्ष हो चुके हैं। शहर की सड़कों पर जाम लगने की स्थिति में ही पुलिस जवान यातायात संभालने के लिए उतरते हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की सड़कों के किनारे रेडियम टेप को असामाजिक तत्व उखाड़कर ले जाते हैं, क्योंकि यह कीमती होती है। वहीं प्रदेश की सड़कों (राज्य राजमार्ग) पर ही रेडियम टेप नजर आती है। ऐसी सड़कों के मध्यम और दोनों किनारों पर रेडियम युक्त सफेद पट्टी दिखती है। हालांकि पार्किंग के लिए पीली पट्टी कहीं पर भी नहीं दिखती है। ऐसे में वाहनों की लाइट चमकने पर संकेतक मुश्किल से नजर आते हैं।

शिमला की ट्रैफिक लाइट्स खराब

शहर के विक्ट्री टनल पर ट्रैफिक लाइट्स कई वर्ष से खराब हैं। ऐसा ही हाल खलीनी चौक, बालूगंज, संजौली, टा-लैंड व ढली चौक पर भी है। विक्ट्री टनल पर यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए हर समय ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात होते हैं। राज्य मुख्यालय के महत्वपूर्ण स्थानों पर रात नौ बजे के बाद चालक मनमानी व मस्ती में वाहन चलाते हुए निकलते हैं, जिस कारण दुर्घटनाएं होने की संभावना अधिक रहती है।

शीला पुल के पास स्ट्रीट लाइट न होने से पसरा अंधेरा। यह क्षेत्र धर्मशाला शहर से करीब दो किलोमीटर दूरी पर है।

संकेतकों पर रेडियम टेप नहीं

प्रदेश के अधिकांश शहरों में लोक निर्माण विभाग के लगाए संकेतकों पर रात को वाहन चलाते हुए ध्यान खींचने के लिए रेडियम टेप नहीं लगी होती है। राज्य के 61 शहरों में यही स्थिति है। सर्दियां में शिमला शहर को छोड़ दें तो अन्य जिला मुख्यालयों पर सड़कें खाली हो जाती हैं। यानी यातायात सुरक्षा के नाम पर कोई कर्मचारी उपलब्ध नहीं होता है। राज्य राजमार्गों पर रेडियम टेप चमकती दिखती है। रेडियम टेप में पीला व लाल टेप चालकों को वाहन चलाने में मददगार साबित होता है। परवाणू से शिमला के बीच स्टील क्रैश बैरियर पर रेडियम चिपकाया गया है। यह रेडियम स्ट्रीप एक सौ से लेकर दो सौ रुपये तक मूल्य में बिकते हैं।

सड़क किनारे अवैध पार्किंग हटाने में पुलिस नाकाम

प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सड़क किनारे अवैध पार्किंग सुचारू यातायात में बड़ी बाधा साबित हो रही है। अकेले शिमला शहर में 50 हजार वाहन उपनगरीय क्षेत्रों में खड़े होते हैं। लगभग सभी जिला मुख्यालयों में यही स्थिति है। ट्रैफिक पुलिस के पास अवैध पार्क किए वाहनों को उठाने के लिए पर्याप्त संख्या में क्रेन भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।

5.40 लाख फुट रनिंग क्रैश बैरियर

प्रदेश में वाहनों की सुरक्षा के लिए सड़कों के किनारे लोक निर्माण विभाग ने 5.40 लाख फुट लंबाई के रनिंग क्रैश बैरियर लगाए हैं। यह स्टील क्रैश बैरियर वाहनों को पहाड़ी से लुढ़कने से बचाते हैं। ऐसा एक मीटर क्रैश बैरियर लगाने पर 4500 रुपये लागत आ रही है। वर्ष 2012 में इसकी लागत 2000 रुपये थी। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग की ओर से राष्ट्रीय राजमार्गों पर 2450 संकेतक लगाए हैं। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग के बीएंडआर की ओर से 6200 संकेतक लगाए गए हैं। एनएचएआइ और बीआरओ की ओर से अलग से संकेतक लगाए जाते हैं।

हिमाचल में सड़कों की श्रेणियां

श्रेणी,सड़कों की लंबाई

लोक निर्माण विभाग के निर्मित राष्ट्रीय राजमार्ग,1031 किमी

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय,213 किमी

एनएचएआइ के निर्मित राष्ट्रीय राजमार्ग,798 किमी

सीमा सड़क संगठन की निर्मित सड़कें,586 किमी

प्रमुख जिला सड़कें,4700 किमी

ग्रामीण सड़कें, जीप योग्य,32369 किमी

प्रदेश में सड़कों की लंबाई,39697 किमी

  • सड़क सुरक्षा प्राधिकरण की ओर से पुलिस व लोक निर्माण विभाग को हर वर्ष संकेतक लगाने के लिए पर्याप्त बजट दिया जाता है। सड़क पर वाहनों के सुरक्षित चलाने के लिए सफेद पट्टी लगाने का कार्य लोक निर्माण विभाग को देखना चाहिए। इसकी जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग पर ही है।
- अनुपम कश्यप, आयुक्त परिवहन विभाग।

  • वैसे तो लोक निर्माण विभाग का प्रयास रहता है कि वाहनों के सुरक्षित आने-जाने के लिए सड़क पर सफेद पट्टी लगाई जाए। लेकिन इसके लिए पर्याप्त बजट चाहिए। विभाग के सभी राज्यमार्गों पर सफेद पट्टी नजर आएगी। क्रैश बैरियर पर रेडियम टेप भी लगाई जाती है।
- अजय गुप्ता, ईएनसी लोक निर्माण विभाग।

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