कंगना रनौत के बयान पर हिमाचल विधानसभा में हंगामा, संसदीय कार्य मंत्री ने कहा- निंदा प्रस्ताव लाना चाहिए
कंगना रनौत के किसान आंदोलन को लेकर दिए बयान से देश में सियासी माहौल गर्म है। हिमाचल प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कंगना के बयान से किसानों और बागवानों का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि कंगना के बयान पर सदन में निंदा प्रस्ताव लाना चाहिए। विक्रमादित्य सिंह ने भी कंगना रनौत के बयान की निंदा की।
जागरण संवाददाता, शिमला। मंडी से लोकसभा सदस्य कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन को लेकर दिए गए बयान का मामला विधानसभा में भी गूंजा। बागवानी व राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि कंगना रनौत का बयान किसान व बागवानों का अपमान है। इस बयान से कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस पर मामला दर्ज किया जाए।
'कंगना का बयान किसानों का अपमान है'
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने किसान आंदोलन को लेकर दिए कंगना रनौत के बयान को पढ़ा। उन्होंने कहा कि सांसद ने ऐसा बयान देकर देश के किसान व बागवानों का अपमान किया है। इस पर सदन में चर्चा कर निंदा प्रस्ताव लाकर बयान का खंडन करना चाहिए।
विपक्ष के सदस्यों को भी इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि वह कंगना रनौत के इस बयान का समर्थन करते हैं या नहीं। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कंगना रनौत अपने विवादित बयानों (कांट्रोवर्सी) के लिए मशहूर है। अन्नदाता को हत्यारा देश के किसानों का अपमान है जिसकी निंदा करते हैं।
कंगना के बहाने केंद्र को घेरा
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट किया है कि कंगना इस तरह के बयान के लिए अधिकृत नहीं है। सांसद द्वारा देश के किसानों को हत्यारा-बलात्कारी बोलना दुखद है।
उन्होंने कहा कि कंगना कहती हैं कि अमेरिका और चीन देश में अस्थिरता फैला रहे हैं। यानी केंद्र सरकार की विदेश नीति इतनी कमजोर हो गई कि चीन-अमेरिका यहां अस्थिरता फैला रहे हैं। हर्ष वर्धन चौहान ने सदन में निंदा प्रस्ताव पास करने का आग्रह किया।
हमेशा उटपटांग बोलती हैं कंगना- राठौर
ठियोग से विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि कंगना के बयान से किसान-बागवान आहत है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत हमेशा उटपटांग बोलने की आदत हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के क्षेत्र से आती हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में 700 किसान शहीद हुए। किसानों को बलात्कारी कहना सही नहीं है।
जैसे ही राठौर ने बोलना शुरू किया, विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया और नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में आसन पर खड़े होकर कहा कि कंगना के बयान से भाजपा हाईकमान भी पल्ला झाड़ चुका है। इसलिए इस पर वोट की जरूरत नहीं है।
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