इस बार बेहद खास होगा सावन माह
शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं जिससे मनवांछित फल प्राप्त होता है। सुहागिन महिलाएं भी व्रत रखती हैं।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Mon, 10 Jul 2017 02:39 PM (IST)
शिमला, जागरण संवाददाता। हिंदू कैलेंडर के 12 माह में से सावन का महीना अपनी विशेष पहचान रखता है। इस दौरान व्रत, दान व पूजा-पाठ करना अति उत्तम माना जाता है व इससे कई गुणा फल भी प्राप्त होता है। व्रत, पूजा-पाठ का यह फल इस वर्ष और भी अधिक बढ़ गया है, क्योंकि सावन में कई विशेष योग बन रहे हैं। सावन माह का पहला ही दिन सोमवार को आ रहा है और सोमवार भगवान शिव को अति प्रिय है। इतना ही नहीं इस बार सावन में तीन सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। पहला सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा और आखिरी सोमवार भी सर्वार्थ सिद्धि योग में ही खत्म होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग पर कार्य आरंभ करना अति शुभ माना जाता है।
सावन के प्रत्येक सोमवार को लोग भगवानशिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं जिससे मनवांछित फल प्राप्त होता है। सुहागिन महिलाएं भी व्रत रखती हैं। इस दौरान महिलाएं मां दुर्गा को सुहागी भेंट करती हैं व सुहागिनों को भी बांटती हैं। इस पूरे माह शिवलिंग पर पानी चढ़ाने व शिव अराधना से सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। न केवल महिलाएं बल्कि अच्छा वर पाने के लिए कुंवारी कन्याएं भी पूरे महीने शिव की अराधना करती हैं। इस वर्ष इस माह में रोटक व्रत भी काफी अहम है। इस माह पांच सोमवार होने से रोटक व्रत कहलाते हैं। भगवान शिव व पार्वती की प्रीति के लिए व्रत रखकर शिवजी की बेलपत्र, दूध, दही, चावल, पुष्प, गंगाजल सहित पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है।
प्र्रतिष्ठित मंदिरों में विशेष तैयारीराजधानी शिमला के शिवालयों में सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। इस बार अधिक श्रद्धालुओं के मंदिर में पहुंचने की उम्मीद है, जिसे देखते हुए मंदिर परिसर में विशेष इंतजाम किए गए हैं। सावन माह भगवान शिव को अति प्रिय है, सावन में सोमवार तो सोने पे सुहागा हो जाता है। सावन के सोमवार को व्रत, पूजा पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस बार सावन में कई विशेष संयोग बन रहे हैं। सावन में तीन सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग है, जबकि पांच सोमवार आने से रोटक व्रत भी होगा जिसका शास्त्रों में बड़ा महत्व माना गया है।
आचार्य हेमंत शर्मा
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