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हिमाचल के दो जिला जज पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, कॉलेजियम चयन पर उठाए सवाल; SC ने HC से मांगा जवाब

Himachal News हिमाचल प्रदेश के दो जिला जज कॉलेजियम चयन मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने दो जिला एवं सत्र न्यायाधीशों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार की दलीलों पर ध्यान दिया कि न्यायिक अधिकारियों को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद के लिए अनुशंसित किया गया था।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Mon, 13 May 2024 07:13 PM (IST)
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हिमाचल के दो जिला जज पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, कॉलेजियम चयन पर उठाए सवाल (फाइल फोटो)
पीटीआई, शिमला। सुप्रीम कोर्ट ने दो वरिष्‍ठतम जिला एवं सत्र न्‍यायाधीशों की उस याचिका पर सोमवार हाई कोर्ट के रजिस्‍ट्रार जनरल से जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उच्च न्यायालय ने उनकी योग्यता और वरिष्ठता पर विचार नहीं किया।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने दो जिला एवं सत्र न्यायाधीशों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार की दलीलों पर ध्यान दिया कि न्यायिक अधिकारियों को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद के लिए अनुशंसित किया गया था।

चिराग भानु सिंह और अरविंद मल्होत्रा ने लगाया था आरोप

बता दें याचिका चिराग भानु सिंह और अरविंद मल्होत्रा ​​द्वारा दायर की गई थी, जो वर्तमान में राज्य में क्रमशः बिलासपुर और सोलन में जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने जजशिप के लिए उच्च न्यायालय कॉलेजियम द्वारा उनके नामों पर विचार न करने का आरोप लगाया था।

राज्य के सबसे वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी हैं याचिकाकर्ता

वरिष्ठ वकील ने शीर्ष अदालत के 4 जनवरी, 2024 के एक कॉलेजियम प्रस्ताव और उसके बाद हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय को केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के संचार का हवाला दिया और कहा कि इनके अनुसार याचिकाकर्ता न्यायिक अधिकारियों के नाम हाई कोर्ट कॉलेजियम द्वारा विचार किया गया है। दातार ने कहा कि याचिकाकर्ता राज्य के सबसे वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी हैं और उनके पास बेदाग रिकॉर्ड हैं।

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याचिका में एचसी न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए उच्च न्यायालय कॉलेजियम द्वारा न्यायिक अधिकारियों की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया गया। साथ ही कहा गया कि शीर्ष अदालत कॉलेजियम के प्रस्ताव में इस मुद्दे को विशेष रूप से संदर्भित किए जाने के बावजूद उनकी योग्यता और वरिष्ठता को नजरअंदाज किया गया।

अधिकारियों के नामों पर पुनर्विचार करने का किया आग्रह

याचिका में कहा गया है कि एचसी कॉलेजियम द्वारा पुनर्विचार के लिए उनके नाम भेजने के शीर्ष अदालत कॉलेजियम के फैसले के बाद केंद्रीय कानून मंत्री ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर याचिकाकर्ता न्यायिक अधिकारियों के नामों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। इसमें आरोप लगाया गया कि उच्च न्यायालय कॉलेजियम ने इन पर विचार नहीं किया और अन्य न्यायिक अधिकारियों के नामों पर विचार-विमर्श किया।

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