Scrub Typhus: हिमाचल में तेजी से पैर पसार रहा 'स्क्रब टाइफस', जानिए क्या और कैसे फैलती है ये बीमारी?
हिमाचल प्रदेश अभी बाढ़ की मार से उभर भी नहीं पाया था कि पहाड़ों में अब स्क्रब टाइफस लोगों को सताने लगा है। स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) को बुश टाइफस भी कहते हैं। ये बीमारी एक जीवाणु (Bacteria) से संक्रमित पिस्सु के काटने से फैलती है। जिसके बाद स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है। ये अधिकतर किसानों और बागवानों को संक्रमित कर रहा है।
By Deepak SaxenaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Fri, 15 Sep 2023 05:11 PM (IST)
शिमला, जागरण डिजिटल डेस्क: हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस के मामले तेजी से बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। बीते कई सालों का रिकॉर्ड तोड़कर प्रदेश में अभी तक स्क्रब टाइफस के 973 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, इस बीमारी से अब तक 10 लोग की जान जा चुकी है। इसको लेकर प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने इस संक्रमण से बचने के लिए सतर्कता बनाए रखने की बात कही है।
क्या होता है स्क्रब टाइफस?
खेतों, झाड़ियों में रहने वाले चूहों में पाया जाने वाला चिगर्स कीट के काटने से लोगों में फैलता है। कीट के जरिए ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी (Orientia Tsutsugamushi) बैक्टीरिया के कारण लोगों में ये संक्रमण तेजी से फैलता है। स्क्रब टाइफस से कोई भी संक्रमित हो सकता है। लेकिन, खेतों में पाए जाने वाले इस कीट के कारण अधिकतर झाड़ियों और खेतों में काम करने वाले किसानों और बागवानों में इसके संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है।
ये एक बैक्टीरिया से होने वाला इंफेक्शन है जो चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से फैलता है। स्क्रब टाइफस के संक्रमण के ज्यादातर मामले चीन, भारत, जापान, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, साउथ ईस्ट एशिया में ज्यादा देखने को मिलते हैं।
स्क्रब टाइफस के लक्षण?
इस बैक्टीरिया जनित बीमारी पिस्सु के काटने के 10 दिन बाद लक्षण दिखने शुरू होते हैं। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं इससे संक्रमित व्यक्ति को बुखार आने के साथ ठंड लगती है। इसके साथ ही सिरदर्द और बदन दर्द के साथ मांसपेशियों में भी तेजी से दर्द होता है। अधिक संक्रमण होने पर हाथ पैरों और गर्दन के साथ कूल्हें के नीचे गिल्टियां होने लगती हैं। इसके साथ ही इसके संक्रमण के बाद सोचने समझने की क्षमता में तेजी से बदलाव होता है।हिमाचल में कहां कितने मामले?
हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 973 मामलों के साथ प्रदेश में इस बीमारी का कहर जारी है। वहीं, प्रदेश की राजधानी शिमला में इस बीमारी से 403 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं, 4 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा मंडी में 110, बिलासपुर में 175, कांगड़ा में 96, हमीरपुर में 78, सिरमौर में 46, ऊना में 37, सोलन में 15, कुल्लू में 8 और चंबा में 5 मामले सामने आएं हैं।
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