उस प्रकार की रिपोर्ट किसी भी जिला से प्रशासन को प्राप्त नहीं हुई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की ओर से जिला उपायुक्तों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी मिलने के बाद भूगर्भीय सर्वेक्षण होना है। प्रदेश के विभिन्न भागों में उजड़े लोगों की संख्या करीब बारह हजार है और परिवारों की बात की जाए तो ढाई हजार परिवार हैं।
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प्रदेश में भारी बारिश के कारण पैदा हुई स्थिति को देखते हुए हमने जिला उपायुक्तों से संभावित संवेदनशील क्षेत्र, जहां पर भूमि धंसाब, भू-स्खलन की संभावना है कि सूची मांगी है। इस साल भारी बारिश के कारण नई तरह का प्राकृतिक आपदा का स्वरूप नजर आया है। भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए सुरक्षित निर्माण सहित कई अन्य विषयों पर सोचने और काम करने की आवश्यकता है। -ओंकार शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व।
दो सौ गांव ऐसे सामने आए हैं, जहां पर बस्तियां बसाना उपयुक्त नहीं है। क्या ये स्थान मानवीय रिहायश के लिए ठीक हैं या नहीं। इसका गहन सर्वे करने की जरूरत है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों को भविष्य की योजनाओं के बारे में अवगत करवा दिया है। -डा. डीसी राणा, निदेशक, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण।
धंसने, बहने वाली जमीन संबंधी रिपोर्ट
हमीरपुर 3 11 10 41
कांगड़ा 14 88 98 405
किन्नौर 11 38 490 663
कुल्लू 16 108 115 592
लाहुल-स्पीति 1 1 2 2
मंडी 46 513 582 2303
शिमला 2 17 12 33
सिरमौर 14 183 167 830
सोलन 51 478 521 6133
कुल 201 1772 2476 11895
कौन से कारण सामने आए थे
प्राकृतिक आपदा और बाढ़ से पैदा हुई विषम परिस्थितियों में भू-स्खलन, जमीन धंसने, कृषि भूमि बहने, कमजोर भूमि बहने के मामले सामने आए। भारी बारिश के कारण मकानों, कृषि योग्य जमीन बर्बाद हुई। चंबा जिला की बात की जाए तो यहां के राडी, मुहाल गार्ड, सुनेरा पंचायतों पर चमेरा डैम में पानी का रिसाव होने से नुकसान हुआ। कांगड़ा जिला के चौकी, देहरा पंचायतों में भारी बारिश और भू-स्खलन होने से नुकसान पहुंचा।
हमीरपुर जिला में मनहाल व बड़सर पंचायतों में जमीन के बहने और कमजोर पकड़ वाली जमीन बहने से नुकसान हुआ। जनजातीय किन्नौर जिला के काफनू, ब्रयूा, छवारा, रकछम पंचायतों में बाढ़ और बासपा नदी में जल स्तर बढ़ने से, कुल्लू जिला में पौडी, जिंदी, मनीकर्ण, गुसैणी व पिपलेज पंचायतों में भारी बारिश के कारण भू-स्खलन की घटनाएं घटी।
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मंडी जिला में थाना, खलहानी, मुरहग, भातकधार पंचायतों में ढलानदार क्षेत्रों में भू-स्खलन हुआ। सिरमौर जिला के नैना टिक्कर पंचायत में पहाड़ी की ओर भू-स्खलन होने से और सोलन जिला में भारी बारिश के मामले सामने आए थे।