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Shimla: आपदा से प्रभावित गांवों को नहीं मिला केंद्र का सहारा, दो महीने पहले प्रदेश सरकार ने भेजी थी रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित गांवों को अब तक केंद्र सरकार का सहारा नहीं मिल पाया है। इसके अतिरिक्त सचिवालय से सभी जिला उपायुक्तों को जारी एक पत्र में संबंधित जिलों में अति संवेदनशील दस से पंद्रह स्थानों की रिपोर्ट मांगी थी। इस संबंध में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की ओर से जिला उपायुक्तों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

By Parkash BhardwajEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 14 Oct 2023 01:31 PM (IST)
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आपदा से प्रभावित 201 गांवों को नहीं मिला केंद्र का सहारा (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, शिमला। देवभूमि के 201 गांव प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हो चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार से अभी तक सहारा नहीं मिल पाया है। दो माह पहले प्रदेश सरकार ने केंद्र को ऐसे गांवों की रिपोर्ट भेजकर भूगर्भीय सर्वेक्षण करवाने का आग्रह किया था, ताकि विस्थापित हुए गांवों के लोगों को दूसरे स्थानों पर बसाया जा सके। इसके अतिरिक्त सचिवालय से सभी जिला उपायुक्तों को जारी एक पत्र में संबंधित जिलों में अति संवेदनशील दस से पंद्रह स्थानों की रिपोर्ट मांगी थी।

उस प्रकार की रिपोर्ट किसी भी जिला से प्रशासन को प्राप्त नहीं हुई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की ओर से जिला उपायुक्तों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी मिलने के बाद भूगर्भीय सर्वेक्षण होना है। प्रदेश के विभिन्न भागों में उजड़े लोगों की संख्या करीब बारह हजार है और परिवारों की बात की जाए तो ढाई हजार परिवार हैं।

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प्रदेश में भारी बारिश के कारण पैदा हुई स्थिति को देखते हुए हमने जिला उपायुक्तों से संभावित संवेदनशील क्षेत्र, जहां पर भूमि धंसाब, भू-स्खलन की संभावना है कि सूची मांगी है। इस साल भारी बारिश के कारण नई तरह का प्राकृतिक आपदा का स्वरूप नजर आया है। भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए सुरक्षित निर्माण सहित कई अन्य विषयों पर सोचने और काम करने की आवश्यकता है। -ओंकार शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व।

दो सौ गांव ऐसे सामने आए हैं, जहां पर बस्तियां बसाना उपयुक्त नहीं है। क्या ये स्थान मानवीय रिहायश के लिए ठीक हैं या नहीं। इसका गहन सर्वे करने की जरूरत है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों को भविष्य की योजनाओं के बारे में अवगत करवा दिया है। -डा. डीसी राणा, निदेशक, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण।

धंसने, बहने वाली जमीन संबंधी रिपोर्ट

जिला       गांवों की संख्या     प्रभावित हुए भवनों की संख्या      परिवारों की संख्या      व्यक्तियों की संख्या

चंबा               43                            335                                   479                            893

हमीरपुर           3                              11                                     10                              41

कांगड़ा           14                              88                                     98                            405

किन्नौर            11                              38                                    490                           663

कुल्लू             16                             108                                    115                           592

लाहुल-स्पीति     1                                 1                                        2                               2

मंडी              46                              513                                    582                         2303

शिमला            2                                17                                      12                             33

सिरमौर          14                              183                                    167                           830

सोलन            51                               478                                    521                         6133

कुल             201                             1772                                   2476                       11895

कौन से कारण सामने आए थे

प्राकृतिक आपदा और बाढ़ से पैदा हुई विषम परिस्थितियों में भू-स्खलन, जमीन धंसने, कृषि भूमि बहने, कमजोर भूमि बहने के मामले सामने आए। भारी बारिश के कारण मकानों, कृषि योग्य जमीन बर्बाद हुई। चंबा जिला की बात की जाए तो यहां के राडी, मुहाल गार्ड, सुनेरा पंचायतों पर चमेरा डैम में पानी का रिसाव होने से नुकसान हुआ। कांगड़ा जिला के चौकी, देहरा पंचायतों में भारी बारिश और भू-स्खलन होने से नुकसान पहुंचा।

हमीरपुर जिला में मनहाल व बड़सर पंचायतों में जमीन के बहने और कमजोर पकड़ वाली जमीन बहने से नुकसान हुआ। जनजातीय किन्नौर जिला के काफनू, ब्रयूा, छवारा, रकछम पंचायतों में बाढ़ और बासपा नदी में जल स्तर बढ़ने से, कुल्लू जिला में पौडी, जिंदी, मनीकर्ण, गुसैणी व पिपलेज पंचायतों में भारी बारिश के कारण भू-स्खलन की घटनाएं घटी।

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मंडी जिला में थाना, खलहानी, मुरहग, भातकधार पंचायतों में ढलानदार क्षेत्रों में भू-स्खलन हुआ। सिरमौर जिला के नैना टिक्कर पंचायत में पहाड़ी की ओर भू-स्खलन होने से और सोलन जिला में भारी बारिश के मामले सामने आए थे।