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शिमला में भ्रष्टाचार का अनोखा मामला: खाद्य निरिक्षक ने अपनी जगह रखा कर्मचारी, खुद आटा चक्की चलाता रहा अधिकारी; जानें पूरा माजरा

शिमला के रामपुर में भ्रष्टाचार का अनोखा मामला सामने आया है। आरोपित खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले में निरीक्षक के पद पर तैनात था। निरिक्षक ने आनी और रामपुर में तैनात रहते हुए कथित तौर पर किसी भी सक्षम प्राधिकारी को सूचित किए बिना कई कर्मियों को अपने कार्यालय में अस्थाई तौर पर तैनात किया और उन्हें न्यूनतम वेतन देता था और खुद आटा के चक्की चलाता था।

By Anil Thakur Edited By: Preeti Gupta Updated: Sun, 07 Jan 2024 10:20 AM (IST)
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शिमला में भ्रष्टाचार का अनोखा मामला: खाद्य निरिक्षक ने अपनी जगह रखा कर्मचारी

जागरण संवाददाता, शिमला। Shimla News:  शिमला के रामपुर में भ्रष्टाचार का अनोखा मामला सामने आया है। आरोपित खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले में निरीक्षक के पद पर तैनात था। निरिक्षक ने आनी और रामपुर में तैनात रहते हुए कथित तौर पर किसी भी सक्षम प्राधिकारी को सूचित किए बिना कई कर्मियों को अपने कार्यालय में अस्थाई तौर पर तैनात किया।

आटा चक्की चलात था निरिक्षक

यह कर्मी नाममात्र वेतन लेकर उनका सरकारी काम करते थे। जबकि निरिक्षक खुद जिला कुल्लू के एक गांव में अपनी पत्नी के नाम पर आटा चक्की चलाने का काम देख रहा था। लोगों को इसकी भनक लगी तो शिकायत की गई। सतर्कता ब्यूरो की विशेष जांच इकाई (एसआईयू) ने शिकायत के आधार पर इसकी प्रारंभिक जांच की।

जांच में हुई आरोपों की पुष्टि 

जांच में आरोप की पुष्टि हुई। इसके बाद विजिलेंस ने धोखाधड़ी के लिए आईपीसी की धारा 420 और ड्यूटी से अनुपस्थिति की अवधि के लिए वेतन निकालने के लिए हिमाचल प्रदेश विशिष्ट भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 33 के तहत दर्ज प्राथमिकी की है। आगामी जांच एसआईयू सतर्कता ब्यूरो, शिमला द्वारा की जा रही है।

शिक्षा विभाग में भी आया था मामला

इस तरह का मामला शिक्षा विभाग में भी कुछ साल पहले सामने आ चुका है। सिरमौर जिला के दूर दराज गांवों में कुछ शिक्षकों ने अपने स्थान पर अस्थायी शिक्षकों की तैनाती कर दी। वे खुद विभाग से मोटा वेतन लेते रहे और अपने स्थान पर जिन अस्थायी शिक्षकों को रखा उन्हें नाममात्र का वेतन दिया जाता रहा। मामला सामने आने के बाद विभाग ने इन शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया था।

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फील्ड स्टाफ को बायोमीट्रिक हाजरी में मिलती है छूट

सरकारी विभागों, बोर्ड व निगमों में बायोमीट्रिक हाजरी लगती है। फील्ड स्टाफ जिनमें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के निरीक्षक भी आते हैं उन्हें छूट मिल जाती है। हालांकि समय समय पर इन कर्मचारियों को अधिकारी के समक्ष अपनी रिपोर्टिंग करनी होती है।

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