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Shimla Election 2023: चुनावी बिगुल के बाद अब प्रत्याशियों को लेकर माथापच्ची, 10 दिनों में करना होगा चयन

भाजपा के विधानसभा चुनावों में प्रत्याशी रहे संजय सूद ने कहा कि प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया पार्टी अपने स्तर पर कर रही है। फिलहाल वार्डों से जो भी संभावित हो सकते हैं उनके नाम भेजे जा रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Tue, 04 Apr 2023 05:42 AM (IST)
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Shimla Election 2023: चुनावी बिगुल के बाद अब प्रत्याशियों को लेकर माथापच्ची, 10 दिनों में करना होगा चयन

शिमला, जागरण संवाददाता। राजधानी शिमला में नगर निगम चुनावों के लिए दोनों ही राजनीतिक दलों में माथापच्ची तेज कर दी है। भाजपा ने कानूनी जंग के साथ अपने प्रत्याशियों को फाइनल करने के लिए काम शुरू कर दिया है। इसके लिए अभी वार्ड स्तर पर बैठकर हो रही है। वार्ड से संभावित प्रत्याशियों के नामों की सूची ब्लॉक के पास आएगी। इसके बाद पार्टी वार्ड के प्रभारियों व सह प्रभारियों से लेकर शिमला नगर निगम चुनावों को लेकर बनाई कमेटी से फीडबैक लेगी। इस फीडबैक लेने के बाद ही प्रत्याशियों के नाम स्क्रीनिंग कमेटी में भेजे जाने हैं।

दूसरी तरफ कांग्रेस में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस में भी वार्ड स्तर के पर संभावित प्रत्याशियों के नाम स्थानीय नेताओं की तरफ से जुटाए जा रहे हैं. शीघ्र ही पार्टी की ओर से हर वार्ड के प्रभारी और चुनाव कमेटी का गठन होना है। इन प्रभारियों को ही कमेटियां अपने स्तर पर जुटाए संभावित प्रत्याशियों के नामों की सूची सौंपेगी। इन आवेदनों को इकट्ठा करके शहरी या अपने ब्लॉक के कमेटी को भेज दिया जाएगा। ब्लॉक कमेटी वार्डों से आए नामों की सूची को पार्टी की ओर से बनाई गई स्क्रूटनी कमेटी को सौंपेगी।

वहां पर नामों की छंटनी करने के बाद ही नामों को फाइनल कर संगठन की ओर से बनाई गई कमेटी को सौंपा जाना है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों ने अपने वार्ड के प्रत्याशियों को चुनने के लिए कसरत शुरू कर दी है लेकिन अभी उनकी नजरें उच्च न्यायालय में चले हुए मामलों पर भी टिकी हुई है। उच्च न्यायालय में नगर निगम चुनाव से जुड़े दो मामले चल रहे हैं। इसमें पहले मामले में रोस्टर को चुनौती दे रखी है।

वहीं दूसरे मामले में राज्य सरकार के वार्डों की संख्या कम करने को ही चुनौती दी है। अब इसमें यदि कोई फैसला आता है तो दोनों ही राजनीति में फेरबदल करते हुए इसे कुछ समय के लिए स्थगित कर सकते हैं। यदि इसमें कोई राहत भाजपा को कोर्ट से नहीं मिलती है तो चुनावी रण में अपने प्रत्याशी उतारने के लिए भी दोनों ही राजनीतिक दल तैयार है।

भाजपा के विधानसभा चुनावों में प्रत्याशी रहे संजय सूद ने कहा कि प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया पार्टी अपने स्तर पर कर रही है। फिलहाल वार्डों से जो भी संभावित हो सकते हैं, उनके नाम भेजे जा रहे हैं। वहीं शिमला शहरी के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने कहा कि वार्ड स्तर पर संभावितों के नाम तय करके भेजे जा रहे हैं।

वार्ड में हर मुहल्ले का अपना दावा

वार्ड में हर गली व मुहल्ले के लोग अपना दावा पेश कर रहे हैं। अपने दावे को मजबूती के साथ पेश करने के लिए फील्ड पर ही ज्यादा काम पहले किया जाए। इसमें किसी तरह कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दावा मजबूत करने के लिए संभावित प्रत्याशियों के लिए दूसरे मुहल्ले या सोसायटी से भी समर्थन जुटाया जा रहा है।

विकास कार्यों पर लगेगी ब्रेक, स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट चलते रहेंगे

शहर में चुनावों की घोषणा के बाद अब पूरी तरह से सरकारी कार्यक्रमों व कार्यों में ब्रेक लग जाएगी। राजधानी में चुनावों की घोषणा से इस बार विकास कार्यों पर हालांकि ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। स्मार्ट सिटी के कार्य चलते रहेंगे, इनके टेंडर पहले ही हो चुके हैं, वहींबजट के आभाव के चलते निगम के लगभग 100 से ज्यादा टेंडर लटके हुए हैं।

12 दिन में करना होगा प्रचार

राजनीतिक दलों की ओर से चयनित प्रत्याशियों को अपना नाम प्रत्याशी को प्रचार के लिए 12 दिन का समय मिलेगा। 18 को नामांकन भरने की प्रक्रिया खत्म होने के बाद 14 दिन ही मतदान के लिए बचेंगे। इसमें से भी दो दिन पहले प्रचार पर रोक लग जाएगी। 12 दिन ही प्रचार के लिए मिलेंगे। पार्टी चिंह पर होंगे चुनावशहर में नगर निगम चुनाव पार्टी चिंह पर होंगे। हालांकि इससे पहले 2017 में नगर निगम के चुनाव पार्टी चिंह की बजाय पार्टियों के समर्थित प्रत्याशियों को चुनावी समर में उतार कर करवाए थे। इस बार आयोग ने पार्टी चिंह पर चुनाव करवाने का फैसला लिया है।

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