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Shimla Masjid Case: संजौली में खुफिया तंत्र फेल, मुश्किल में लोग, हिमाचल में अलर्ट, भीड़ नहीं जुटने देने के निर्देश

Shimla Masjid Case संजौली मस्जिद का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोग मस्जिद को गिराने की मांग कर कर रहे हैं। बुधवार को जन आक्रोश फैल गया। खुफिया तंत्र इसे भांप नहीं पाया और रोकने में फेल हो गया। जिला प्रशासन सुरक्षा के पुख्ता दावे कर रहा था। सुबह से ही आमजन को पूछताछ के बाद संजौली में प्रवेश करने दिया जा रहा था।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 12 Sep 2024 10:01 AM (IST)
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Sanjauli Mosque: संजौली में खुफिया तंत्र फेल, मुश्किल में लोग, हिमाचल में अलर्ट।

जागरण संवाददाता, शिमला। मस्जिद के अवैध निर्माण मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा-163 (पहले धारा-144) लगने के बावजूद बुधवार को हजारों लोग संजौली पहुंचे। हिंदू संगठनों के अलावा आम लोगों ने प्रदर्शन में भाग लिया। लोगों ने इस बात की परवाह नहीं की कि प्रदर्शन में शामिल होने पर उन पर मामला दर्ज होगा।

पुलिस विभाग का खुफिया तंत्र इस मामले में पूरी तरह फेल हुआ। माहौल इतना बिगड़ेगा, इसकी उम्मीद नहीं थी। सरकार को जो रिपोर्ट भेजी गई थी, उसमें उल्लेख नहीं था कि प्रदर्शन इतना ज्यादा उग्र होगा और माहौल इतना तनावपूर्ण हो जाएगा कि नौबत लाठियां बरसाने व पानी की बौछार करने तक आ जाएगी।

लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा

खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि धारा-163 लगने के बाद ज्यादा लोग प्रदर्शन में नहीं पहुंचेंगे। करीब 200 से 400 लोग प्रदर्शन में पहुंचेंगे जिनसे निपटने की तैयारी प्रशासन ने कर ली है। लेकिन ठीक इसके विपरीत हुआ।

इस कारण शिमला शहर के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पुलिस को बुधवार सुबह पूरा ट्रैफिक संजौली के बजाय ढली बाईपास से डायवर्ट करना पड़ा।

खुफिया तंत्र लगातार फेल

पुराने बस अड्डे से वाया छोटा शिमला जाने वाले मार्ग का ट्रैफिक भी डायवर्ट करना पड़ा। हालांकि पुलिस के पास यह वैकल्पिक प्लान था लेकिन इन सबके बीच स्कूल व कालेज के बच्चे परेशान हुए। स्कूलों में तीन से चार घंटे देर से छुट्टी हुई।

राज्यसभा चुनाव व इसके बाद उपजे राजनीतिक संकट में सरकार गिराने की साजिश के दौरान भी खुफिया तंत्र फेल हुआ था। उस घटनाक्रम के बाद सरकार ने कई अधिकारियों को बदला था।

छह पुलिसकर्मी व पांच प्रदर्शनकारी घायल

संजौली में प्रदर्शन के दौरान छह पुलिसकर्मी व पांच प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। इनमें भाजपा नेता राजू ठाकुर व अन्य नेता भी शामिल है। घायलों का आइजीएमसी में उपचार किया जा रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक सभी घायलों की हालत स्थिर है।

घायलों में पुलिसकर्मी दिनेश, पूजा, खेमराज, साक्षी, शुभम शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों में शिमला शहर में भाजपा के 2022 में प्रत्याशी रहे संजय सूद, शिवानी, निशांत, रवीण, भूपेंद्र, राजू ठाकुर, शिवम चोपड़ा व शाम शामिल हैं। संजय सूद को आंख के पास चोट लगी है।

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आमजन के आक्रोश को शांत करना चुनौती

संजौली में बुधवार को जिला प्रशासन ने धारा 163 लागू की थी। किसी भी राजनीतिक दल व संस्था को यहां आंदोलन करने की अनुमति नहीं थी। जिला प्रशासन सुरक्षा के पुख्ता दावे कर रहा था। सुबह से ही आमजन को पूछताछ के बाद संजौली में प्रवेश करने दिया जा रहा था।

एक समय तो ऐसा लग रहा था कि पुलिस प्रशासन की तैयारी पुख्ता होगी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना सचिवालय से मुख्यमंत्री को पल-पल की जानकारी देते रहे।

अवैध मस्जिद गिराने की मांग

सुबह जैसे ही प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए और ढली सुरंग का बेरिकेड तोड़कर संजौली पहुंचे तो वहां काफी समय से इंतजार कर रहे लोगों को इनका साथ मिला। पुलिस प्रशासन की तैयारी की परतें भी खुलने लगीं। संजौली में दो स्थानों पर धारा 163 का उल्लंघन हुआ।

लाठीचार्ज के दौरान कुछ लोग दुकानों में घुस गए। बुधवार को सैकड़ों युवक एकत्रित हुए और अवैध मस्जिद गिराने की मांग करते रहे। उन्होंने पुलिस व प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी भी की।

जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारी सबसे अधिक परेशान तब दिखे जब उन्हें आंदोलन खत्म करने के लिए किससे बात करनी है, वह नेता ही नहीं मिला। जो स्वयं को नेता कह रहे थे, दोपहर के समय तो युवाओं ने उनकी बात सुनने से इन्कार कर दिया।

करीब डेढ़ बजे ढली की तरफ से आई भीड़ जो शुरू से ही काफी उग्र दिख रही थी, के नेताओं ने पुलिस अधिकारियों से बात कर आंदोलन खत्म करने की बात की। मस्जिद तोड़ने की मांग कर रहे युवाओं ने इसे मानने से इन्कार कर दिया। बिना नेता दो घंटे तक आंदोलन चलता रहा।

संजौली चौक पर भी अचानक एकत्र हुई भीड़

संजौली चौक पर भी कुछ लोग एकत्रित हुए और पुलिस व अवैध मस्जिद के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। यहां पर पुलिस की कोई तैयारी नहीं थी। पुलिस ने एक ट्रक में बेरिकेड्स मंगवाए, जो नाकाफी साबित हुए। पुलिस ने एक ट्रक व बस बेरिकेड्स के आगे खड़ी कर भीड़ को मस्जिद की ओर जाने से रोकने का प्रयास किया।

यहां पर भी पुलिस व युवाओं के बीच धक्कामुक्की होती रही। यहां भी प्रशासन की यही समस्या थी कि किससे बात करे। प्रशासन आंदोलन को रोकने में नाकाम रहा। सायं चार बजे आंदोलन खत्म हुआ।

पानी की बौछारों पर नाचे युवा पुलिस ने भीड़ को तितर भीतर करने के लिए पानी की बौछारें शुरू की तो मौसम ने भी प्रदर्शनकारियों का पूरा साथ दिया। युवाओं ने पानी की बौछारों का आनंद उठाकर नाचना शुरू कर दिया।

दो दिन बाद राज्यपाल से मुलाकात करेंगे हिंदू संगठन हिंदू संगठन दो दिन राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात करेंगे। हिंदू संगठनों ने मस्जिद के अवैध निर्माण के विरोध में 16 सितंबर को प्रदर्शन करने की तैयारी शुरू कर दी है।

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महिलाएं पुलिस पर बरसीं पूछा, पहले कहां थे

प्रदर्शन के कारण लोगों को घर तक जाने में परेशानी हुई। प्रदर्शन के दौरान कुछ महिलाओं को पुलिस ने रोका तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। महिलाओं ने पुलिसकर्मियों को कहा कि हिंदुओं को रोकने के लिए ड्यूटी कर रहे हो। एक महिला पुलिसकर्मियों पर बरस गई।

उसने कहा कि आप तब कहां ड्यूटी कर रहे थे जब यहां पर हर शुक्रवार को नमाज अदा करने के लिए घरों का रास्ता तक रोक दिया जाता था। उन्होंने कहा कि भारत में ही सभी देशों के मुसलमानों को ले आओ और ये हमारा रास्ता रोकते रहें तथा पुलिस इन्हें बचाने के लिए ड्यूटी देती रहे।

महिला के साथ कुछ उम्रदराज लोगों ने भी आरोप लगाया कि मस्जिद अवैध तरीके से बनाई है। उन्होंने कहा कि मस्जिद के सामने बने की खिड़की पर सीसीटीवी कैमरा लगा दिया है। हर राहगीर को यहां चलते हुए परेशान किया जाता रहा। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस कर्मचारी नहीं आए।

लोगों ने कहा कि यह प्रदर्शन उनका है, किसी पार्टी का नहीं। संजौली के लोग मुस्लिम समुदाय के लोगों से काफी परेशान हैं।

प्रदर्शन में बीजेपी के लोग अधिक

मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि प्रदर्शन में भाजपा के लोग अधिक हैं। निजी स्वार्थ के लिए हिमाचल की शांति को भंग नहीं करना चाहिए। संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला निगम के आयुक्त कोर्ट में विचाराधीन है। जो निर्णय आएगा उसके तहत कार्रवाई करेंगे।

अवैध निर्माण कैसे हुआ, उस समय कौन कर्मचारी थे, किसने विधायक निधि से पैसा दिया, क्यों नक्शा पास नहीं हुआ आदि की जांच चल रही है। इसे हिंदू-मुस्लिम का रंग नहीं देना चाहिए। उन्होंने लोगों से कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि काम जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए। राजनीतिक दृष्टि से हवा देना गलत है।

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