संजौली मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराने का काम शुरू, छत से टीन की शेड उखाड़ रहे मजदूर
शिमला के संजौली में स्थित मस्जिद (Sanjauli Masjid Controversy) के अवैध हिस्से को गिराने का काम शुरू हो गया है। मजदूर छत से टीन की शेड उखाड़ रहे हैं। मस्जिद कमेटी का कहना है कि फंड्स की कमी के कारण काम पूरा होने में तीन से चार महीने का समय लग सकता है। बता दें कि संजौली अवैध मस्जिद को लेकर काफी ज्यादा विवाद हुआ था।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली में स्थित अवैध मस्जिद (Sanjauli Masjid Controversy) को लेकर काफी ज्यादा विवाद देखने को मिला। हालांकि, अब मस्जिद कमेटी ने मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने की शुरुआत कर दी है।
मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने के लिए मजदूर बुलाए गए हैं। मजदूरों ने छत से टीन शेड उखाड़ना शुरू कर दिया है। मस्जिद कमेटी का कहना है कि मस्जिद गिराने के लिए फंड्स की कमी है इसलिए काम पूरा होने में समय लग सकता है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुआ काम
शिमला के संजौली में मस्जिद (Sanjauli Masjid Controversy) का अवैध हिस्सा तोड़ने का काम शुरू हो गया है। हाईकोर्ट ने मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के आदेश दिए है। सोमवार को कोर्ट के आदेश के बाद मस्जिद कमेटी ने तीन मंजिलें तोड़ने के काम में मजदूर लगा दिए हैं।इससे पहले हाईकोर्ट ने आज नगर निगम आयुक्त को आदेश दिए कि मामला आठ सप्ताह में निपटाएं। साथ ही स्थानीय लोगों को पार्टी बनाने का आग्रह भी स्वीकार कर लिया।
'फंड्स की कमी की वजह से लग सकता है समय'
स्थानीय लोगों ने मामले का जल्द निपटारा और आयुक्त कोर्ट के फैसले पर अमल के आदेश जारी करने के लिए याचिका दायर की थी। नगर निगम आयुक्त के कोर्ट ने पांच अक्टूबर को मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड के आवेदन पर मस्जिद (sanjauli mosque controversy) की तीन अवैध मंजिलें गिराने की अनुमति दी थी।यह भी पढ़ें- क्या है संजौली मस्जिद विवाद? सदन से लेकर हैदराबाद तक गूंजी जिसकी आवाज; सिलसिलेवार तरीके से पढ़ें अब तक का घटनाक्रम
मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष लतीफ मोहम्मद की देखरेख में मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराने का काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि अभी तक फंड की मैनेजमेंट नहीं हुई और काम करने के लिए काफी फंड की जरूरत है इसलिए इसमें तीन से चार महीने का समय लग सकता है।उन्होंने कहा कि मजदूरों की व्यवस्था भी की जा रही है। मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड से अनुमति मांगी थी। बोर्ड की अनुमति आने के बाद अब इस काम को शुरू किया गया है।
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