शिमला शहर में 50 से अधिक भवन असुरक्षित, जान हथेली पर रखकर रह रहे लोग; नगर निगम ने संभाला मोर्चा
हिमाचल की राजधानी शिमला में अभी भी हालात ठीक नहीं हुए हैं। शहर में बारिश और भूस्खलन ने भयानक तबाही मचाई है। वहीं प्रशासन ने अभी तक 50 से अधिक भवनों को असुरक्षित घोषित कर दिया है। ऐसी इमारतों में लोग जान हथेली पर रखकर रह रहे हैं। इन भवनों को खाली कराने का जिम्मा अब नगर निगम में अपने कंधों पर लिया है। इसके लिए एक मुहिम चलाई जाएगी।
By Shikha VermaEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sun, 20 Aug 2023 03:05 PM (IST)
शिमला, जागरण संवाददाता। Shimla Unsafe Buildings शिमला में जो भी खतरनाक भवन निगम ने रहने के लिए असुरक्षित घोषित किए हैं, इन सभी भवनों को खाली कराने के लिए एक मुहिम चलाई जाएगी। इस मुहिम के तहत जो भी लोग इन भवनों में रह रहे हैं, उन्हें खाली करवाने के लिए निगम की टीम खुद मौके पर जाकर उन्हें समाझाएगी।
राजधानी शिमला में पिछले दिनों में 50 से ज्यादा भावनाओं को अनसेफ यानि रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया है। इसके बावजूद भी शहर के लोग इन्हीं भवनों में रह रहे हैं। सबसे ज्यादा भवन कृष्णा नगर में हैं, इसके साथ ही समरहिल में आठ व शहर के अन्य हिस्सों में भी भवन शामिल है।
भवनों को खाली करने को तैयार नहीं लोग
निगम के असुरक्षित घोषित करने के बावजूद शहर में कुछ लोग इन भवनों को खाली करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए नगर निगम ने अब एक मुहिम चलाने का फैसला किया है कि ऐसे सब भवन मालिकों से लेकर उनके किरायेदारों को उन भवनों को खाली करने के लिए तैयार किया जाएगा।निगम के अधिकारी खुद यहां का दौरा करके इस काम को करेंगे। बता दें कि शहर में इससे पहले भी डेढ़ सौ से ज्यादा भवन को रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। इन सभी में लोग रह रहे हैं। उनका तर्क है कि उनके भवन नगर निगम ने एक औपचारिकता के लिए घोषित किया है। फिलहाल ये रहने के लिए सुरक्षित हैं।
जान हथेली पर रखकर रह रहे लोग
कई भवनों के मामले में मकान मालिक और किराएदार की कानूनी लड़ाई न्यायालय में चल रही है। ऐसे मामलों में भी दोनों भवनों को खाली करने के लिए तैयार नहीं हैं। इनमें लोग अपनी जान को हथेली पर लेकर रह रहे हैं। इसलिए निगम प्रशासन ने फैसला लिया है कि भवनों को खुद जाकर खाली करवाया जाएगा। इससे लोगों की जान बचाने का काम किया जा सकेगा।बरसात के बाद यदि भवनों की हालत में सुधार होता है तो उस समय लोग खुद फैसला ले सकते हैं। निगम के आयुक्त भुपेंद्र अत्री ने लोगों के अपील है कि असुरक्षित घोषित भवनों को तुरंत खाली करें, इससे उनकी व स्वजनों की जान सुरक्षित रह सकेगी।
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