शिमला नगर निगम का नया प्लान; मॉल-शोरूम और Wine Shops के लिए किराए पर दी जाएगी कॉरपोरेशन की खाली जमीन
शिमला नगर निगम ने अपनी आय बढ़ाने के लिए नया प्लान तैयार किया है। नगर निगम अब अपनी खाली जमीन को किराए पर देगा। मॉल शोरूम स्टोर और शराब के ठेके के लिए जमीन को किराये पर लिया जा सकेगा। नगर निगम मेयर ने वित्त कमेटी की बैठक में प्रस्ताव भी पेश किया। अब निगम की मासिक बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए लाया जाएगा।
शिमला, जागरण संवाददाता। Shimla News नगर निगम शिमला ने अब अपनी आय को बढ़ाने के लिए नए रास्ते तलाशना शुरू कर दिए हैं । निगम निगम में मंगलवार को वित्त कमेटी की बैठक हुई। बैठक में ये प्रस्ताव पास किया गया कि नगर निगम की जितनी भी भूमि खाली पड़ी है, उसकी पूरी डिटेल संपदा शाखा से ले जाएगी। इस भूमि पर पर क्या-क्या काम किया जा सकते हैं। इसका पूरा प्लान तैयार किया जाएगा।
इसके लिए पहले चरण में तो आबकारी विभाग की जितनी भी दुकानें शराब की शहर में खुली हुई हैं। उन्हें नगर निगम की भूमि में बनाकर किराए पर दिया जाएगा। नगर निगम को आय का एक अतिरिक्त साधन मिल सकेगा। इसके अलावा, शहर में जो भी बड़ा मॉल, दुकान या कोई शोरूम कंपनी खोलना चाहती है। नगर निगम उसे भी जमीन के साथ फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर मुहैया करवाएगा।
मेयर सुरेंद्र चौहान ने पेश किया प्रस्ताव
इससे निगम को आय मिलेगी और शहर की खाली पड़ी हुई भूमि का इस्तेमाल हो सकेगा। नगर निगम की वित्त कमेटी की बैठक में निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान की ओर से ये प्रस्ताव लाया गया और इसे मंजूरी दे दी गई। अब नगर निगम की मासिक बैठक में यह प्रस्ताव लाया जाएगा। उसमें सहमति बनती है तो शहर में आय का नया साधन निगम तलाशेगा।
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शराब के ठेकेदारों ने साधा निगम से संपर्क
मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि नए प्रस्ताव के बाद शराब के कई ठेकेदारों और विभाग की ओर से भी नगर निगम से संपर्क साधा गया है। वे स्थान की मांग कर रहे हैं, निगम के स्थान पर आबकारी विभाग और शराब के ठेकेदार अपनी दुकान खोलने को पूरी तरह से तैयार हैं।
पार्षदों से भी मांगे प्रस्ताव
पार्षदों से इस मामले में प्रस्ताव मांगे हैं। नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने बैठक में उपस्थित सभी पार्षदों को भी प्रस्ताव दिए कि उन्हें भी लगता है कि यदि उनके वार्ड में कोई स्थान खाली है। वहां पर दुकान बन सकती है तो वह उसका एक प्रस्ताव नगर निगम प्रशासन को दे सकते हैं। इस स्थान की सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वहां स्थाई ढांचा बनाया जाएगा। इसे किराए पर दे दिया जाएगा।
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