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Himachal News: संवेदनशील क्षेत्रों को भूस्खलन से इस तरह से बचाएगा शिमला नगर निगम, मेयर ने दिया आदेश

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भूस्खलन से बचने के लिए नगर निगम संवेदनशील क्षेत्रों में पेड़ लगाएगा। मेयर ने सभी वार्डों के पार्षदों को ऐसे स्थल चिन्हित कर काम करने के आदेश जारी कर दी हैं। एक सप्ताह के अंदर उन स्थानों को चिन्हित कर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी। भूस्खलन से हर साल लाखों का नुकसान होता है।

By Rohit Sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 21 Jul 2024 03:46 PM (IST)
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भूस्खलन रोकने के लिए पौधारोपण करेगा शिमला नगर निगन (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, शिमला। राजधानी शिमला में भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों को नगर निगम पेड़ लगाकर बचाएगा। वर्ष 2023 में भारी बरसात के कारण शहर में कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं पेश आई थी।

जिन स्थानों पर पिछले वर्ष भूस्खलन की घटनाएं पेश आई थी। उन स्थानों पर नगर निगम पौधारोपण करेगा। इसके लिए नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने इन स्थानों को चिन्हित करने के लिए आदेश जारी कर दी है।

इन स्थानों पर होगा पौधारोपण

भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों को स्थानों चिन्हित कर इस बरसात में उन क्षेत्रों पर पौधारोपण किया जाएगा। बता दें कि राजधानी शिमला में पिछले वर्ष समरहिल, पंथाघाटी, विकासनगर, कृष्णानगर, टूटीकंडी नवबहार, समिट्रि, ढली और भट्टाकुफर समेत कई क्षेत्रों में भूस्ख्लन की घटनाएं हुई है।

वहीं शहर में कई क्षेत्र अभी भी भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील है। इन क्षेत्रों को भूस्खलन के बचाने के लिए पूरे शहर में पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा।

मेयर ने कही ये बात

मेयर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि पौधों की जड़ो में मिट्टी को पकड़े रखने की क्षमता होती है। ऐसे में पौधारोपण ही एकमात्र ऐसा जरिया है जिससे शहर में होने वाली भूस्लखन की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है।

इसी के चलते नगर निगम ने यह निर्णय लिया है कि जिन क्षेत्रों में पिछले वर्ष भूस्खलन की घटनाएं पेश आई थी। उन स्थानों को चिन्हित कर वहां पौधारोपण किया जाएगा।

एक सप्ताह में आएगी रिपोर्ट

मेयर सुरेंद्र चौहान ने नगर निगम प्रशासन को जल्द से जल्द भूस्खलन की दूष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए। एक सप्ताह के अंदर उन स्थानों को चिन्हित कर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी।

इसके बाद नगर निगम प्रशासन इन स्थानों पर पौधारोपण शुरू कर देगा, ताकि शिमला शहर को भूस्खलन से होने वाले भारी नुकसान से बचाया जा सके।

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भूस्खलन से होता है लाखों का नुकसान

राजधानी शिमला में हर बरसात में भूस्खलन की घटनाएं पेश आती है। इन घटनाओं में शहर के लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। कई बार भूस्खलन के कारण लोगों को गाड़ियां दब जाती है। इसके अलावा लोगों के घर भूस्खलन की चपेट में आते हैं। सड़कों को अलग से नुकसान होता है।

बरसात से होने वाले नुकसान की भरपाई पर निगम की ओर से हर वर्ष लाखों रुपए की राशि खर्च की जाती है। इस नुकसान पर नियंत्रण पाने के लिए निगम प्रशासन पौधारोपण का रास्ता अपनाने जा रहा है।

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