Shimla: लाइसेंस फीस बढ़ने से उड़े फ्रूट वाइन निर्माताओं के होश, सरकार ने की आबकारी नीति में नई दरें घोषित
Himachal Pradesh News हिमाचल में दो से चार गुणा तक लाइसेंस फीस बढ़ने से फ्रूट वाइन निर्माताओं के होश उड़ गए हैं। कंपनियों को समझ नहीं आ रहा है कि वह उत्पादन कैसे करें और उसे बेचे कैसे।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Mon, 13 Mar 2023 09:01 AM (IST)
शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल में दो से चार गुणा तक लाइसेंस फीस बढ़ने से फ्रूट वाइन निर्माताओं के होश उड़ गए हैं। कंपनियों को समझ नहीं आ रहा है कि वह उत्पादन कैसे करें और उसे बेचे कैसे। राज्य सरकार ने नए वित्त वर्ष-2023-24 के लिए आबकारी नीति में नई दरें घोषित की हैं।
मंडी में चार, शिमला में दो, एक-एक कंपनी सोलन व कुल्लू में फ्रूट वाइनर्स हैं। छोटे स्तर पर एक दर्जन कामगारों के साथ इन कंपनियों में हाथ से अधिकांश काम होता है। पहले फल एकत्र करना और फिर उसके बाद फलों को प्रोसेस कर विभिन्न चरणों से गुजरते हुए वाइन और अन्य उत्पाद तैयार करना।
बंद करने के अतिरिक्त कोई दूसरा विकल्प नहीं
सभी कंपनियों का वार्षिक एक से दो करोड़ रुपये का टर्न ओवर रहता है। रिटेल पर काम करने वाले पर लाइसेंस की राशि बढ़ाने से उसके सामने अधिक मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। ऐसे में रिटेल काम करने वाले के पास बंद करने के अतिरिक्त कोई दूसरा विकल्प नहीं रहा है।प्रदेश के बाहर निर्यात फीस चार गुणा बढ़ी
अन्य राज्यों में निर्मित होने वाली फ्रूट वाइन और अन्य उत्पाद गुणवत्ता में भी आगे हैं और व्यापक बाजार उपलब्ध होने से खपत भी अधिक है। लेकिन, प्रदेश के फ्रूट वाइनर्स कंपनियों के लिए राज्य के भीतर उस तरह की परिस्थितियां नहीं है। प्रदेश से बाहर अपने उत्पाद बेचने के लिए 2022-23 में प्रति बल्क लीटर 50 पैसा फीस को सरकार ने अब बढ़ाकर 2 रुपये प्रति बल्क लीटर कर दिया है।
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