Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

IGMC में नर्सों के 313 पद रिक्त, स्टाफ पर पड़ रहा बोझ, अस्पताल प्रशासन ने सरकार से की इन पदों को भरने की मांग

IGMC Shimla इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में काफी समय से नर्सों के पद रिक्त होने से अन्य नर्सों पर काम का बोझ बढ़ गया है। इससे कई बार नर्सों को अधिक समय के लिए ड्यूटी देनी पड़ती है।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sat, 11 Mar 2023 10:42 AM (IST)
Hero Image
आजीएमसी अस्पताल का परिसर l जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में काफी समय से नर्सों के पद रिक्त होने से अन्य नर्सों पर काम का बोझ बढ़ गया है। इससे कई बार नर्सों को अधिक समय के लिए ड्यूटी देनी पड़ती है। अस्पताल प्रशासन ने इन पदों को भरने के लिए सरकार से मांग उठाई है। 943 स्वीकृत पदों में से 630 पद ही नर्सों के भरे हैं।

आइजीएमसी में विभिन्न श्रेणियों के सैकड़ों पद रिक्त हैं। अस्पताल में स्टाफ नर्स के 313, पैरामेडिकल के 157, मिनिस्ट्रियल स्टाफ के 101, सहायक कर्मचारी के 59 और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के करीब 165 पद रिक्त हैं। इस कारण अस्पताल में स्टाफ पर अतिरिक्त कार्यभार पड़ रहा है।

न्यू ओपीडी के शुरू होने के बाद

अस्पताल में अब न्यू ओपीडी के शुरू होने के बाद पुरानी मंजिल में बने वार्डों का दायरा बढ़ेगा। इनमें बिस्तरों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी। ऐसे में नर्सों पर काम का भार पहले के मुकाबले ज्यादा पड़ेगा।

संघ ने मुख्यमंत्री से किया आग्रह

राज्य नर्सिंग संघ की प्रदेश अध्यक्ष सीता ठाकुर ने बताया कि इससे पहले भी कई बार प्रशासन से इन पदों को भरने की मांग उठाई गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जो ट्रामा सेंटर में अलग से नर्सों को रखने का फैसला किया है, उसका हम स्वागत करते हैं। संघ मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि रिक्त पदों को भरा जाए।

एक नर्स को छह बिस्तर का काम सौंपने की घोषणा

इसके अलावा सुपर स्पेश्येलिटी अस्पताल में मैट्रन की पोस्ट को सृजित करने की भी मांग उठाई। मुख्यमंत्री सुक्खू ने आने वाले समय में एक नर्स को छह बिस्तर का काम सौंपने की घोषणा की है। इससे अस्पताल में आने वाले समय में नर्सों के पद सृजित होने व भरने की उम्मीद बंधी है।