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Shimla Landslide: बाढ़-भूस्खलन से हुए करोड़ों के नुकसान पर 29 अगस्त को नगर निगम की बैठक

नगर निगम शिमला की मासिक बैठक 29 अगस्त को होगी। इसके लिए मेयर ऑफिस से बैठक की तारीख फाइनल कर दी है। अब सभी पार्षदों से इसके लिए सवाल या एजेंडा लाया जाना है। माना जा रहा है कि शहर में इस दौरान बारिश के भारी नुकसान हुआ हैं। इसकी भरपाई कैसे की जाएगी इस पर चर्चा करके कोई बड़ा प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने की मंजूरी मिल सकती है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Mon, 21 Aug 2023 03:22 PM (IST)
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Shimla News: शहर में बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई को बडा प्रस्ताव पास कर सकता है निगम

शिमला, जागरण संवाददाता। नगर निगम शिमला (Shimla Nagar Nigam) की मासिक बैठक 29 अगस्त को होने वाली है। इसके लिए मेयर दफ्तर से बैठक की तारीख फाइनल कर दी है। अब सभी पार्षदों से इसके लिए सवाल या एजेंडा लाया जाना है। माना जा रहा है कि शहर में इस दौरान बारिश के भारी नुकसान (Loss After Heavy Rain) हुआ हैं।

इसकी भरपाई कैसे की जाएगी, इस पर चर्चा करके कोई बड़ा प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने की मंजूरी मिल सकती है। जिन लोगों ने इस पूरी आपदा में अपने घर को खोया है, अब उनके पास रहने के छत तक नहीं हैं। ऐसे लोगों के भी कोई प्रस्ताव पास कर सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जा सकता है ।

सरकार को मदद का भेजा जा सकता है प्रस्ताव 

आपदा के दौरान अपने स्वजनों को गंवा चुके लोगों के लिए क्या किया जा सकता है, इसका प्रस्ताव भी बैठक में लाया जा सकता है। उनको भी सरकार की ओर से क्या दिया जाना है। इस मसले पर और क्या किया जा सकता है। इसका एक प्रस्ताव नगर निगम के हाउस से पास करके राज्य सरकार को भेजा जा सकता है। शहर में बरसात के दौरान करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई के लिए राज्य सरकार से विशेष पैकेज राज्य सरकार या केंद्र सरकार को मदद के लिए प्रस्ताव भेजने पर चर्चा हो सकती है।

आम जनता के घरों को है सबसे ज्यादा खतरा

केंद्र के किसी प्रोजेक्ट के तहत शहर को दोबारा से खड़ा करने के लिए प्रोजेक्ट मांगने की तैयारी नगर निगम ने शुरू कर दी है। इसके लिए लिए अधिकारियों को संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं। पेड़ काटने के मसले पर हो सकता है हंगामा पेड़ों को काटने में हो रहे भेदभाव पर सत्ता पक्ष को घेरने की तैयारी है। शहर में इस वक्त आम लोगों की जान से लेकर उनके घरों को सबसे ज्यादा बड़ा खतरा पेड़ बने हुए हैं। विपक्ष के पार्षदों का आरोप है कि सत्ताधारी दल के पार्षदों के कहने पर पेड़ पहले काटे जा रहे हैं।

नहीं काटे जा रहे पेड़

आम आदमी और विपक्ष के पार्षदों के कहने पर पेड़ नहीं काटे जा रहे हैं । इस पर भी हंगामा हो सकता है कि लोगों को इस बरसात में भी पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इसलिए यह मसला भी निगम के सदन में उठने की उम्मीद है।

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