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Shimla News: DGP संजय कुंडू को छुट्टी पर भेज सकती है सरकार, रिटायरमेंट से पहले लिया जा सकता है बड़ा फैसला

राज्य सरकार हिमाचल पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू को लंबी छुट्टी पर भेज सकती है। कारोबारी के साथ विवाद में उनका नाम जुड़ने के बाद एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। एफआईआर दर्ज होने के बाद यदि वह अपने पद पर बने रहते हैं तो जांच प्रभावित होने की आशंका बनी रहेगीअतिरिक्त कार्यभार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसआर ओझा को सौंपा जा सकता है।

By Anil ThakurEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Thu, 16 Nov 2023 09:04 PM (IST)
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DGP संजय कुंडू को छुट्टी पर भेज सकती है सरकार, File Photo

जागरण संवाददाता, शिमला। राज्य सरकार हिमाचल पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू को लंबी छुट्टी पर भेज सकती है। कारोबारी के साथ विवाद में उनका नाम जुड़ने के बाद एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। एफआईआर दर्ज होने के बाद यदि वह अपने पद पर बने रहते हैं तो जांच प्रभावित होने की आशंका बनी रहेगी। 

अंतिम फैसला सीएम सुक्खू करेंगे

सूत्रों के मुताबिक ऐसे में उन्हें छुट्टी पर भेजकर डीजीपी पद का अतिरिक्त कार्यभार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसआर ओझा या अन्य किसी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को सौंपा जा सकता है। सूत्रों की माने तो गृह विभाग ने इसकी फाइल मूव कर दी है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के पास ही गृह विभाग है। किस अधिकारी को क्या जिम्मेदारी सौंपनी है इस पर अंतिम फैसला सीएम ही करेंगे। 

अधिकारी संजीव रंजन ओझा को अहम जिम्मेदारी मिल सकती है

सूत्रों की माने तो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापिस लौटे 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी संजीव रंजन ओझा को अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। बीते महीने वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापिस लौट चुके हैं, लेकिन अभी तक गृह विभाग की ओर से उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। ओझा व कुंडू एक ही बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। संजय कुंडू अगले साल अप्रैल महीने में सेवानिवृत होंगे।

सेवानिवृति में कम समय, इसलिए विवाद नहीं चाहती सरकार

डीजीपी की सेवानिवृत्ति के लिए समय कम बचा है इसलिए यह भी देखा जा रहा है कि उन्हें क्या हटा कर कुछ और जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। उन्हें छुट्टी पर भेजकर अतिरिक्त कार्यभार किसी अन्य को सौंपा जा सकता है। वरिष्ठता के चलते ओझा को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

सरकार जिसे चाहे उसे सौंप सकती है कमान

हिमाचल में अब तक सरकार ने जिसे चाहा उसे ही डीजीपी की कुर्सी मिली है। पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में साेमेश गाेयल डीजीपी बने थे। दिसंबर 2017 में भाजपा की सरकार बनी ताे सीताराम मरड़ी को डीजीपी नियुक्त किया गया। हालांकि यूपीएससी के नियमाें का पालन भी सरकार काे करना हाेता है।

इससे पहले जब संजय कुंडू दो महीने की छुट्टी पर गए थे तो एडीजी विजिलेंस सतवंत अटवाल को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। पूर्व में जब कांग्रेस विपक्ष में थी पुलिस पेपर लीक मामला सामने आया था। उस दौरान कांग्रेस ने डीजीपी को पद से हटाने की मांग की थी, लेकिन सत्ता संभालने के बाद उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

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