Move to Jagran APP

Shimla: ओलावृष्टि व बारिश से सेब फसल को भारी नुकसान, तापमान गिरने से फ्लावरिंग प्रभावित, बागवान परेशान

Shimla News मार्च महीने के अंत में हुई भारी बारिश के चलते तापमान में आई भारी गिरावट से करोड़ों रुपये के सेब के कारोबार पर संकट के बादल छा गए हैं। तापमान गिरने से फ्लावरिंग प्रक्रिया धीमी हो गई है।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 04 Apr 2023 06:02 PM (IST)
Hero Image
ओलावृष्टि व बारिश से सेब फसल को भारी नुकसान।
ठियोग, जागरण संवाददाता। उपमंडल ठियोग के जैस, छैला व घुंड क्षेत्रों में मंगलवार को हुई ओलावृष्टि से बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं तापमान में आई भारी गिरावट से सेब के पौधों में हो रही फ्लावरिंग प्रभावित हो रही है।

ओलावृष्टि होने से क्षेत्र के बागवानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। इससे बागीचों में सेब पौधों में हो रही फ्लावरिंग को कोई नुकसान न पहुंचे इसके लिए हेलनेट लगाई गई है, जो बुरी तरह से फट रही है और फूल भी झड़ने लगे हैं।

इस कारण ठियोग सहित सेब इलाकों में ठंड के कारण सेब की आने वाली फसल को लेकर बागवानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा रही हैं।

मार्च महीने के अंत में हुई भारी बारिश के चलते तापमान में आई भारी गिरावट से करोड़ों रुपये के सेब के कारोबार पर संकट के बादल छा गए हैं। तापमान गिरने से फ्लावरिंग प्रक्रिया धीमी हो गई है। यदि आने वाले दिनों में भी मौसम ऐसा ही बना रहा तो सेब की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

साफ मौसम की सख्त जरूरत

वर्तमान में मध्यम और ऊंचाई वाले सेब क्षेत्रों में सेब के पौधों पर फ्लावरिंग की प्रक्रिया चल रही है इसके लिए उचित तापमान और साफ मौसम की सख्त जरूरत होती है। कम ऊंचाई वाले इलाकों में बेमौसमी बारिश और तापमान में गिरावट के कारण स्टोन फ्रूट और सेब को काफी नुकसान पहुंचा दिया है। इन इलाकों में स्टोन फ्रूट की सेटिंग का समय लगभग पूरा होने को है।

मौसम की मार

बादाम, खुमानी और प्लम जैसे नाजुक फसल को उचित तापमान और वातावरण की जरूरत रहती है। बागवानों की राय में अगले दस दिनों के तापमान और बारिश पर स्टोन फ्रूट का भविष्य निर्भर करेगा। ऊंचाई वाले इलाकों में सेब विपरीत मौसम की मार पड़ रही है। शुक्रवार को पूरा दिन ठियोग और अन्य इलाकों में लगातार तेज बारिश होती रही जो आने वाले कुछ दिनों में भी जारी रहने का अनुमान है।

तापमान में गिरावट से परागण प्रक्रिया हुई बाधित

सेब के पौधों पर पिंक बड स्टेज आई हुई है और अर्ली वैरायटी की किस्मों में फूल आ चुका है। ठंड के कारण फूल खिलने और उनके परागण की प्रक्रिया बाधित हो रही है। बागवान अच्छी फसल और परागण के लिए मधु मक्खियों का सहारा लेते हैं लेकिन तापमान में आई गिरावट के कारण मधु मक्खियां अपने छत्ते से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। ठियोग में ठंड और धुंध के कारण सेब और अन्य फलों को नुकसान होने की संभावना बन गई है।

अप्रैल के पहले सप्ताह की वर्षा सेब फसल के लिए नुकसानदायक

बागवानों ने ओलों से बचाव के लिए बगीचों में हेल नेट तो लगा लिए हैं, लेकिन इस बार ओलों से अधिक ठंड और बारिश सेब के लिए घातक सिद्ध हो रही है। कई प्रगतिशील बागवानों का कहना है कि यदि अप्रैल के पहले सप्ताह में भी बारिश और ठंड जारी रही तो सेब का उत्पादन इस साल काफी गिर सकता है। इससे फूल झड़ने व खराब होने की संभावना अधिक बनी हुई है। 

सेब पौधों के लिए ज्यादा नुकसान

शिमला के बागवानी विशेषज्ञ देसराज शर्मा ने बताया कि गत दिनों बारिश न होने से बागीचों में नमी की कमी हो गई थी, लेकिन इन दिनों हो रही बारिश से सेब पौधों के लिए ज्यादा नुकसान नहीं है, बागीचों में नमी की अभी आवश्यकता है। फ्लावरिंग व फलों के आने के समय पर हो रही ओलावृष्टि नुकसानदायक है। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।