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Himachal Pradesh Police: सिटीजन फ्रैंडली बनी शिमला पुलिस; चालान का डंडा नहीं, नियमों का पढ़ाया पाठ

Shimla Police शिमला पुलिस सिटीजन फ्रैंडली बन रही है। पुलिस लोगों के बेवजह चालान काटकर उन्हें तंग नहीं करेगी। लोगों को जागरूक कर उन्हें नियमों का पाठ पढ़ाया जाएगा। इस थीम पर पुलिस ने काम करना शुरू कर दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 11 Jun 2023 09:29 AM (IST)
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सिटीजन फ्रैंडली बनी शिमला पुलिस; चालान का डंडा नहीं, नियमों का पढ़ाया पाठ
जागरण संवाददाता, शिमला: शिमला पुलिस अब सिटीजन फ्रैंडली बनेगी। पुलिस लोगों के बेवजह चालान काटकर उन्हें तंग नहीं करेगी। लोगों को जागरूक कर उन्हें नियमों का पाठ पढ़ाया जाएगा। इस थीम पर पुलिस ने काम करना शुरू कर दिया है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने इसको लेकर जिला के सभी थाने व चौकियों को निर्देश कर दिए है। शिमला शहर में पुलिस निजी वाहन या टैक्सी के चालान छोटी छोटी चीजों को लेकर कर देते हैं।

गाड़ी से सामान उतारने के लिए कुछ मीनट के लिए रूकने पर चालान काट दिया जाता है। काेई घर का राशन गाड़ी में डाल रहा है और गाड़ी सड़क पर खड़ी है उसका चालान काट दिया जाता है। बाहरी राज्य से कोई पर्यटक शिमला घूमने आया है और उसे अपने होटल की लोकेशन पता नहीं चल रही, पार्किंग का पता नहीं वह कहीं पर अपनी गाड़ी पार्क कर देता है उसका चालान काट दिया जाता है।

लोगों कर रही जागरूक

यू टर्न जहां प्रतिबंधित है वहां पर बिना जानकारी के कोई गाड़ी मोड़ देता है तो उसका चालान काट दिया जाता है। इससे लोग अक्सर परेशान रहते हैं। पुलिस से भी उनकी यही शिकायत रहती है। अब पुलिस इन छोटी मोटी चीजों के चालान नहीं काटेगी। बल्कि लोगों को जागरूक करेगी।

यही नहीं शहर में सड़कों के किनारे इसको लेकर साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे ताकि लोग खुद जागरूक हो। पुलिस का कहना है कि ये उल्लंघना सड़क हादसों का कारण नहीं है। बाहरी राज्यों से जो पर्यटक शिमला घूमने आ रहे हैं उन्हें पैंफ्लेट बांट कर शहर में पार्किंग कहां है, यातायात नियमों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।

30 हजार कम चालान

पुलिस के आंकड़ों पर नजर डाले तो 1 जनवरी से 30 जून 2022 तक यातायात नियमों की उल्लंघना के पुलिस ने 81 हजार चालान काटे थे। जबकि इस साल 1 जनवरी से 30 जून तक 51 हजार चालान काटे हैं। तीस हजार चालान कम किए हैं। एसपी के निर्देशों के बाद ये हुआ है।

शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर कसेगा शिकंजा

पुलिस का कहना है कि शराब पीकर गाड़ी चलाना, गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन सुनना ये सड़क हादसों का कारण है। पुलिस इन पर शिकंजा कसेगी। इसके लिए विशेष अभियान भी चलाया हुआ है।

पिछले चार महीनों में 115 सड़क हादसे

पुलिस के पास दर्ज आंकड़ों के अनुसार जिला शिमला में पिछले 4 महीनों में 115 सड़क हादसें हुए हैं। इनमें 50 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। जबकि 174 इसमें घायल हुए हैं। जिला में नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे से ज्यादा सड़क हादसे ग्रामीण क्षेत्रों में हुए हैं।

पुलिस के आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच सालों यानि 2017 से लेकर 2021 तक जिला में 973 सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 869 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। ज्यादातर सड़क हादसों में गाड़ियां सड़कों से बाहर निकल कर खाई में जा गिरी। यानी सड़कों के किनारे पैरापिट भी नहीं हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में हादसों का यह भी कारण

ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा हादसों का कारण चालकों पर पुलिस का डर होना भी नहीं है। शहर व इसके आसपास के क्षेत्रों में तो पुलिस की चेकिंग और नाके होते हैं। नेशनल हाईवे पर भी पुलिस का पहरा होता है। यहां पर चालक सीट बेल्ट लगाते हैं, दोपहिया वाहन हेलमेट भी पहनते हैं, लेकिन जैसे ही वह ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचते हैं वहां कोई रोकटोक नहीं होती।

न पुलिस का पहरा है न ही चालान का डर, चालक बेखौफ होकर गाड़ी चलाते हैं। सड़कें कम चौड़ी होती है और पैरापिट भी नहीं हैं, इसलिए हादसे होने का ज्यादा खतरा रहता है।

लोगों को बेवजह परेशान करना मकसद नहीं: एसपी

एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि पुलिस का काम लोगों को बेवजह परेशान करना नहीं है। शराब पीकर यदि कोई गाड़ी चलाता है या ओवर स्पीड में गाड़ी चलाता है तो उन पर कार्रवाई की जाती है। पुलिस लोगों को जागरूक करती है कि वह यातायात नियमों का पालन करें।

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