चीन सीमा तक सैनिकों के लिए रसद पहुंचाना होगा आसान, समय की भी होगी बचत
शिमला-रिकांगपिओ-पोवारी-पूह राष्ट्रीय राजमार्ग के डबललेन होने से अब चीन सीमा तक सैनिकों के लिए रसद पहुंचाना अब आसान हो जाएगा और समय भी कम लगेगा।
By Babita kashyapEdited By: Updated: Wed, 16 Oct 2019 08:18 AM (IST)
शिमला, प्रकाश भारद्वाज। चीन सीमा तक सैनिकों के लिए रसद पहुंचाना अब और आसान हो जाएगा। शिमला-रिकांगपिओ-पोवारी-पूह राष्ट्रीय राजमार्ग डबललेन हो गया है। शिमला से रिकांगपिओ 240 किलोमीटर व रिकांगपिओ से पोवारी तक सात किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पहले ही डबल लेन चुका है। अब पोवारी से पूह तक के 56 किलोमीटर मार्ग का काम भी पूरा हो गया है। दिसंबर से मार्ग पर वाहनों की आवाजाही संभावित है।
सड़क निर्माण में चीन की बराबरी करते हुए दीपक प्रोजेक्ट ने देश के जनजातीय किन्नौर जिले में मील का पत्थर स्थापित किया है। सीमावर्ती क्षेत्र पोवारी से पूह तक सैन्य समेत दूसरे वाहन दो से ढाई घंटे में पहुंच सकेंगे। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के तहत काम करने वाले दीपक प्रोजेक्ट के आला अधिकारियों की टीम ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सीमावर्ती सड़कों की स्थिति से अवगत करवाया। सचिवालय में हुई बैठक में प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर दिनेश त्यागी ने बताया कि सीमा पर सड़क निर्माण के लिए उच्च तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सड़कों के बनने से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। शिमला से पूह तक का 303 किलोमीटर से अधिक का सफर पहले 14 घंटे में तय होता था, लेकिन अब सारा राष्ट्रीय राजमार्ग डबल लेने होने से इसमें करीब 10 घंटे लगेंगे।
पूह तक सात मीटर चौड़ी हुई सड़क
- सेना की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए दीपक प्रोजेक्ट ने पोवारी से पूह तक 56 किलोमीटर सड़क को सात मीटर चौड़ा कर दिया है। अंबाला से पूह तक 447 किलोमीटर लंबे मार्ग को इस साल दिसंबर में वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा।
- पूह से समधो तक 59 किलोमीटर सड़क तीन साल के भीतर बनाई जाएगी। समधो से काजा होते हुए ग्रांफू तक बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। समधो से 205 किलोमीटर दूरी को पूरा करने के लिए सड़क दो से तीन साल के भीतर तैयार करने की योजना है।
- मनाली से सरचू 222 किलोमीटर सड़क को अधिकांश स्थानों पर डबल लेन कर
- दिया है। इसकी चौड़ाई 5.75 मीटर है।
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