Shimla Road Accident: होली के दिन चार घरों के बुझ गए चिराग, कार अनियंत्रित होकर 200 मीटर गहरे नाले में जा गिरी
Shimla Accident जिला शिमला के उप मंडल नेरवा में होली के त्यौहार के दिन दर्दनाक सड़क हादसे में 4 युवकों की मौत हो गई। हादसे में सेना के जवान सहित तीन अन्य लोग शामिल हैं। हादसा नेरवा बाजार से करीब 5 किलोमीटर दूर दलटा नाला केदी नामक स्थान पर हुआ।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Thu, 09 Mar 2023 11:23 AM (IST)
जागरण संवाददाता, शिमला। जिला शिमला के उप मंडल नेरवा में होली के त्यौहार के दिन दर्दनाक सड़क हादसे में 4 युवकों की मौत हो गई। हादसे में सेना के जवान सहित तीन अन्य लोग शामिल हैं। हादसा नेरवा बाजार से करीब 5 किलोमीटर दूर दलटा नाला केदी नामक स्थान पर पेश आया।
ऑल्टो कार एचपी 08 बी 1998 अनियंत्रित होकर करीब 200 मीटर नाले में जा गिरी। गाड़ी में चार लोग सवार थे। इसमें चारों की मौत हो गई। दुर्घटना ग्रस्त में चार युवकों की नेरवा अस्पताल पहुंचने से पहले ही मृत्यु हो गई है।
मृतकों की पहचान लक्की पुत्र नारायण सिंह ठाकुर गांव कनाहल डाकघर केदी तहसील नेरवा जिला शिमला उम्र करीब 23 वर्ष के तौर पर की गई। यह सेना में कार्यरत था। इसके अलावा अक्षय (23) पुत्र ओम प्रकाश, गांव नानटा, डाकघर बिजमल तहसील नेरवा के तौर पर हुई है। यह कॉलेज में पढ़ता था।
स्वजनों के सुपूर्द कर दिया
आशीष (आशू) (18) पुत्र अमर सिंह शर्मा गांव शिरण डाकघर पबाहन तहसील नेरूवा जिला शिमला के तौर पर की गई है। यह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नेरवा में पढ़ता था। रितिक (18) पुत्र संतराम शर्मा गांव व डाकघर पबाहन तहसील नेरवा जिला शिमला के तौर पर हुई है। यह भी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नेरवा में पढ़ता था। मृतकों का पोस्टमॉर्टम कर इन्हें स्वजनों के सुपूर्द कर दिया गया।
200 मीटर गहरे नाले में जा गिरी
बुधवार सुबह पेश आए इस दर्दनाक हादसे में चार घरों में मातम पसर गया। लक्की नेरवा तक अपने पापा की कार ले गया, जिसे अक्षय चला रहा था, क्योंकि नेरवा से कार वापस भी लानी थी। चारों दोस्त लक्की, अक्षय, आशीष और रितिक खुलकर ठहाके लगा रहे थे, लेकिन नेरवा रोड पर अचानक कार अनियंत्रित होकर 200 मीटर गहरे नाले में जा गिरी।सुबह जल्द वापिस आने का वायदा कर निकला था लक्की
लक्की सेना में जवान था। ड्यूटी पर जा रहे पैरा मिलिट्री जवान लक्की ने मां से कहा कि वह जल्द वापस आएगा, लेकिन घर बैठी मां को क्या मालूम कि उसका लाल अब कभी न वापस आने के लिए गया है। लक्की के पिता नारायण सिंह ठाकुर ने जाने से पहले बेटे को कहा कि होली के बाद चले जाना, लेकिन लक्की को आज ड्यूटी जॉइन करनी थी तो वह दोस्त उसे छोड़ने के लिए निकले थे और रास्ते में ही उन्होंने होली भी खेली।
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