Shimla Shiv Temple Landslide: लैंडस्लाइड में एक परिवार की तीन पीढ़ियां हुईं खत्म, एकसाथ दर्शन करने गए थे मंदिर
हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर लगातार जारी है। सोमवार को बादल फटने से हुए भूस्खलन के बाद एक मंदिर बह गया। इस दुर्घटना में एक परिवार ने अपनी तीन पीढ़ियों के सदस्यों को खो दिया। परिवार के पांच सदस्यों के शव मिल गए हैं जबकि दो व्यक्ति लापता हैं। शिमला के समर हिल इलाके से अब तक कुल 13 शव निकाले जा चुके हैं।
By Jagran NewsEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANUpdated: Wed, 16 Aug 2023 05:47 PM (IST)
शिमला, एएनआई: Shiva Temple Collapse in Shimla शिमला के समर हिल इलाके में सोमवार को बादल फटने से हुए भूस्खलन के बाद एक मंदिर बह गया। इस दुर्घटना में एक परिवार ने अपनी तीन पीढ़ियों के सदस्यों को खो दिया। समर हिल इलाके से अब तक कुल 13 शव निकाले जा चुके हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, जब शिव मंदिर ढहा, तब तीन बच्चों सहित परिवार के सात सदस्य अंदर थे। मृतकों की पहचान पवन शर्मा, उनकी पत्नी संतोष, बेटे अमन, बहू अर्चना और तीन पौत्रियों के रूप में हुई। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के अनुसार, परिवार के पांच सदस्यों के शव मिल गए हैं, जबकि दो व्यक्ति लापता हैं।
परेशान रिश्तेदार सुनीता शर्मा ने कहा कि मेरी बस एक ही विनती है, उन्हें ढूंढकर हमारे पास ले आओ। हम उन्हें जिंदा या मुर्दा स्वीकार करेंगे। हम तीन दिन से इंतजार कर रहे हैं। लापता लोगों में से एक की बहन सुनेधी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, हमें नहीं पता कि भगवान ने हमारे साथ क्या किया।
लापता व्यक्तियों में से एक के भाई विनोद ने कहा, प्रशासन को ऐसे क्षेत्रों को सुरक्षित बनाना चाहिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कोई व्यवस्था करनी चाहिए कि पानी तुरंत कम हो जाए। एक पड़ोसी मेहर सिंह एच वर्मा ने कहा, "हमने कल चार सदस्यों का अंतिम संस्कार किया। उन्होंने अपनी तीन पीढ़ियों को खो दिया।
अधिकारियों के मुताबिक, शिमला के समर हिल इलाके से अब तक कुल 13 शव निकाले जा चुके हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा के प्रभाव की सीमा का आकलन करने के लिए आज कांगड़ा जिले के फतेहपुर और इंदौरा का हवाई सर्वेक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य को 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान
राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 60 से अधिक हो गई है और मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को लगभग 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इससे पहले आज मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्यास नदी पर पोंग बांध के पास कांगड़ा के निचले इलाकों से 800 से अधिक लोगों को निकाला गया है क्योंकि बांध के जलाशय में जल स्तर बढ़ने के कारण उनके गांव पहुंच से बाहर हो गए हैं।शिमला के कृष्णानगर इलाके के लालपानी में मंगलवार दोपहर भूस्खलन के बाद पांच से सात घर ढह गए। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भूस्खलन के डर से प्रशासन ने मंगलवार सुबह घरों के निवासियों को खाली करा लिया था।
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