इस विशेष टॉय ट्रेन से अब और भी सुहाना होगा शिमला-शोघी का सफर
शिमला से दोपहर 12:45 पर यह रेल चलेगी और शोघी एक बजकर 45 मिनट पर पहुंचेगी, जबकि शोघी से दूसरी रेल दो बजकर 20 मिनट पर चलेगी।
शिमला, जागरण संवाददाता। रेल में सफर करना किसे नहीं सुहाता। अगर बात कालका-शिमला रेल की हो तो क्या कहना। इस ट्रैक की चौड़ाई मात्र दो फुट छह इंच यानी ढाई फुट है और यह गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में दर्ज है। यहां आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद टॉय ट्रेन की यात्रा है। पर्यटकों की खिलौना रेलगाड़ी की यात्रा करने की इच्छा को पूरा करने के लिए अंबाला मंडल रेलवे ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
11 जनवरी से शिमला से शोघी तक दो विशेष टॉय ट्रेन
रोमांच के इस सफर को पर्यटक अपनी यादों में संजोए रखें इसके लिए 11 जनवरी से शिमला से शोघी तक दो विशेष टॉय ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। प्रथम श्रेणी जॉय राइड का किराया शिमला से शोघी तक 260 रुपये होगा, जबकि वापसी का भी इतना ही किराया होगा। शिमला से दोपहर 12:45 पर यह रेल चलेगी और शोघी एक बजकर 45 मिनट पर पहुंचेगी, जबकि शोघी से दूसरी रेल दो बजकर 20 मिनट पर चलेगी और तीन बजकर 30 मिनट पर शिमला पहुंचेगी। पर्यटकों की मांग के मद्देनजर रेलवे ने यह निर्णय लिया है।
कालका-शिमला रेल लाइन का महत्व
कालका-शिमला रेल का ऐतिहासिक महत्व भी है। ट्रैक का निर्माण अंग्रेजों ने किया था। दिलचस्प पहलू यह है कि अंग्रेज इंजीनियरों की मदद एक अनपढ़ ग्रामीण भलखू ने की थी। कहते हैं वह आगे-आगे कुदाल से निशान लगाता गया और अंग्रेज इंजीनियर उसका अनुसरण करते गए। इस कार्य के लिए उसे 1858 में सम्मानित भी किया गया था। इसके बाद हिंदोस्तान-तिब्बत राजमार्ग के सर्वेक्षण में भी उसकी सेवाएं ली गई थी। कई योजनाओं और सर्वेक्षणों के बाद इस रेलट्रैक का निर्माण हुआ था। इसे पूरा होने में दस
वर्ष का समय लगा।
1903 को चली थी पहली टॉय ट्रेन
नौ नवंबर 1903 को पहली टॉय ट्रेन शिवालिक की वादियों से गुजरते हुए शिमला पहुंची थी। तत्कालीन वायसराय लार्ड कर्जन ने इस रेल ट्रैक के निर्माण का पूरा जायजा लिया था। 1932 में इस ट्रैक पर 15 यात्रियों को ले जाने वाली रेल कार की सेवा आरंभ की गई थी और उसके बाद भारत सरकार ने वर्ष 1970 में इसकी क्षमता 21 यात्रियों तक बढ़ा दी। आजकल कालका-शिमला रेलट्रैक पर एक सुपरफास्ट रेल शिवालिक डीलक्स एक्सप्रेस शुरू की गई है। इसे शताब्दी एक्सप्रेस की तरह सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। इस रेल में 20 यात्रियों की क्षमतायुक्त पांच सुंदर कोच लगाए गए हैं। यह रेल शिमला पहुंचने में पांच घंटे का समय लेती है, जबकि शिमला से शोघी के लिए एक घंटे का सफर है।
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