Shimla Tourism: पर्यटकों से गुलजार होने लगा शिमला, वीकेंड पर 45 प्रतिशत पहुंची ऑक्यूपेंसी
हिमाचल की राजधानी शिमला में अब पर्यटकों की चहल-पहल दिखने लगी है। दो महीने बाद एक बार फिर दिल्ली-हरियाणा और पंजाब के पर्यटक शिमला पहुंच रहे हैं। शिमला शहर के अलावा कुफरी नारकंडा नालदेहरा चीनी बंगला सहित अन्य पर्यटन स्थलों में भी दिनभर पर्यटकों की चहल-पहल देखने को मिली। सप्ताहांत पर शहर के होटलों के कमरों की ऑक्यूपेंसी 45 से 50 प्रतिशत तक रही।
By Anil ThakurEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sun, 10 Sep 2023 10:05 PM (IST)
शिमला, जागरण संवाददाता। Shimla Tourism Update जुलाई व अगस्त में हुई वर्षा व भूस्खलन ने लोगों को गहरे जख्म दिए हैं। वहीं, इसका असर राजधानी शिमला के पर्यटन कारोबार पर भी दो माह तक पड़ा रहा। हालत ये थी प्रसिद्ध पर्यटन स्थल शिमला में एक महीने तक होटल पूरी तरह से खाली पड़े रहे। वहीं, अब मौसम साफ होते ही एक बार फिर चहल-पहल शुरू होने लगी है। इस सप्ताहांत पर काफी पर्यटक यहां पहुंचे।
सप्ताहांत पर शहर के होटलों के कमरों की ऑक्यूपेंसी 45 से 50 प्रतिशत तक रही। शिमला शहर के अलावा कुफरी, नारकंडा, नालदेहरा, चीनी बंगला सहित अन्य पर्यटन स्थलों में भी दिनभर पर्यटकों की चहल-पहल देखने को मिली। पर्यटकों की आमद बढ़ने से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों ने भी राहत की सांस ली है।
टूरिज्म सेक्टर को मिली बड़ी राहत
अक्टूबर से दिसंबर महीने तक अच्छी तादाद में पर्यटक घूमने के लिए शिमला आते हैं। मुख्य मार्ग ठीक होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अब पर्यटक घूमने के लिए फिर से शिमला पहुंचेंगे। शिमला में पर्यटकों की आमद बढ़ने से आउटडोर फोटोग्राफर, टैक्सी संचालक, घुड़सवारी करवाने वालों से लेकर ढाबे, रेस्तरां वालों का अच्छा कारोबार चलता है। पर्यटकों की चहल-पहल बढ़ने से इन्हें भी राहत मिली है।ये भी पढ़ें- Shimla News: किन्नौरी सेब की मंडी में घटी आमद, टापरी में दो दिन से नहीं हुआ कारोबार
हिमाचल प्रदेश टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहेंद्र सेठ ने कहा कि इस सप्ताहांत पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि अब सड़कें ठीक हो गई हैं उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पर्यटकों की आमद बढ़ेगी।
'आने वाले समय में कारोबार और बढ़ेगा'
रिज मैदान पर फोटोग्राफी करने वाले रवि कालटा का कहना है कि बीते डेढ़ महीने से उनका कारोबार काफी मंदा हो चुका था। रोजमर्रा का खर्च चलाना बहुत मुश्किल हो गया था, लेकिन अब फिर से पर्यटकों की रौनक बढ़ने के बाद उम्मीद है कि आने वाले समय में कारोबार बढ़ जाएगा।
वहीं, घोड़ा संचालक बलदेव कुमार का कहना है कि डेढ़ महीने में घोड़े तक का खर्च नहीं निकल पा रहा था। लेकिन अब पर्यटक बढ़ने से घोड़े का खर्च निकल जाता है। हालांकि खुद का खर्च अभी भी नहीं निकल पाता है। उम्मीद है कि आने वाले समय में खुद का खर्च भी निकल जाएगा।ये भी पढ़ें- Shimla News: 40 फीसदी ठीक हुआ रेल लाइन का काम, 16 सितंबर तक बहाल होगी कालका से सोलन तक की रेल सेवाएं
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