Himachal: टैक्सी ड्राइवरों का 'हल्ला बोल', टैक्स बढ़ाने के विरोध में आज करेंगे परिवहन निदेशालय का घेराव; आंदोलन का दिया अल्टीमेटम
Himachal News हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर ओर से हाल में व्यवसायिक वाहनों के लिए स्पेशल रोड टैक्स में बढ़ोत्तरी को लेकर अधिसूचना की गई है। इस अधिसूचना के बाद टैक्सी ऑपरेटर्स भड़क गए है। कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर का कहना है कि सरकार द्वारा व्यावसायिक वाहनों पर स्टेट टैक्स 3 गुना से 6 गुना तक बढ़ा दिया है।
जागरण संवाददाता, शिमला। राज्य सरकार की ओर ओर से हाल में व्यवसायिक वाहनों के लिए स्पेशल रोड टैक्स में बढ़ोत्तरी को लेकर अधिसूचना की गई है। इस अधिसूचना के बाद टैक्सी ऑपरेटर्स भड़क गए है। मंगलवार को शिमला के टैक्सी ऑपरेटर इस मामले में परिवहन निदेशालय का घेराव करेंगे। इस दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों से बातचीत भी की जाएगी। साथ ही सरकार व विभाग के अधिकारियों से बढ़े हुए टैक्स को वापस लेने की मांग भी उठाई जाएगी।
कर की बढ़ोतरी से बढ़ रहीं मुश्किलें
ऑल कमर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी हिमाचल प्रदेश के चेयरमैन राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि जल्दी ही राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय बैठक करके आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। मंगलवार को कमेटी शिमला में परिवहन निदेशालय के घेराव करेगी। राजेंद्र ठाकुर का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से कर में की गई बढ़ोत्तरी से टैक्सी ऑपरेटरों पर मार पड़ेगी। हिमाचल में पर्यटन कम होने के कारण जहां टैक्सी ऑपरेटरों को नुकसान उठाना पड़ रहा है तो वहीं रही सही कसर बढ़ी हुई टैक्स की दरों से पूरी होगी। ऐसे में राज्य सरकार बढ़े हुए टैक्स को तुरंत माफ करे।
परिवहन निदेशालय शिमला को दर्ज करवाई गई थी आपत्ति
कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर का कहना है कि सरकार द्वारा व्यावसायिक वाहनों पर स्टेट टैक्स 3 गुना से 6 गुना तक बढ़ा दिया है। सरकार और प्रशासन का कहना है कि इस बारे में हमारे पास किसी संस्था या निजी तौर पर कोई भी आपत्ति दर्ज नहीं की गई, जबकि ऑल कमर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी हिमाचल प्रदेश द्वारा 2 नवंबर 2023 को पत्र के माध्यम से उपमुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री और परिवहन निदेशक शिमला को आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके अलावा अलग-अलग संस्था द्वारा अन्य जिलों से भी आपत्ति दर्ज करवाई गई थी।
नहीं बढ़ाया गया किराया
उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन का यह कहना कि कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई है यह सरासर झूठ है। सरकार ने व्यावसायिक वाहन मालिकों के साथ सरासर धोखा किया है। 4 सीटर गाड़ी का टैक्स 1350 रुपए से बढ़कर ₹8000 करना और 6 सीटर गाड़ी का 5400 से 14000 रूपए करना बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है।
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