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Shimla: आज तक नहीं टूटा 13 वर्ष पहले के सेशन का रिकॉर्ड, 2010-11 में हुए थे आइस स्केटिंग के सबसे ज्यादा सेशन

लक्कड़ बाजार स्थित आइस स्केटिंग रिंक में आज तक 13 वर्ष के पहले का सेशन का रिकॉर्ड नहीं टूटा है। 2010- 2011 में सबसे ज्यादा 88 सेशन हुए हैं। यहां सुबह-शाम के सत्र में पर्यटक व स्थानीय लोग स्केटिंग करने के लिए पहुंचते हैं। स्केटिंग का सबसे ज्यादा इंतजार बच्चों व युवाओं को रहता है। सर्दियों में शहर में अवकाश रहता है इसलिए बच्चों को लेकर अभिभावक यहां पहुंचते हैं।

By Shikha VermaEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 20 Dec 2023 09:13 PM (IST)
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आज तक नहीं टूटा 13 वर्ष पहले के सेशन का रिकॉर्ड, Photo Jagran

शिखा वर्मा, शिमला। शिमला के लक्कड़ बाजार स्थित आइस स्केटिंग रिंक में आज तक 13 वर्ष के पहले का सेशन का रिकॉर्ड नहीं टूटा है। 2010- 2011 में सबसे ज्यादा 88 सेशन हुए हैं। यहां सुबह-शाम के सत्र में पर्यटक व स्थानीय लोग स्केटिंग करने के लिए पहुंचते हैं। स्केटिंग का सबसे ज्यादा इंतजार बच्चों व युवाओं को रहता है। सर्दियों में शहर में अवकाश रहता है, इसलिए बच्चों को लेकर अभिभावक यहां पहुंचते हैं। 

रिंक में महज ट्रेनिंग ही नहीं बल्कि प्रतियोगिताएं भी करवाई जाती है। मूल रूप से आइस हॉकी के लिए भी खिलाड़ी यहीं से बेसिक ट्रेनिंग लेते हैं। आइस स्केटिंग क्लब देश का पहला ओपन एयर स्केटिंग क्लब है, जहां प्राकृतिक तौर पर बर्फ जमाई जाती है।

रिंक में अभी तक 2016- 2017 में सबसे ज्यादा कम 11 सेशन हो पाए थे। बर्फ न जमने पर के कारण यहां पर कम सेशन हुए थे। अब मौसम की बेरूखी आयोजकों को सताने लगी है। वे भी यहां पर सीजनल की बजाय कृत्रिम स्केटिंग पूरा साल करवाने पर विचार करने लगे हैं।

2010 से 2022 तक के सेशन

वर्ष         -                सेशन

2010-2011             88

2011-2012             56

2012-2013            64

2013-2014             28

2014-2015              45

2015-2016            36

2016-2017            11

2017-2018             64

2018-2019            51

2019-2020           59

2020-2021           82

2021-2022      52

1920 में शुरू हुआ था आइस स्केटिंग क्लब

लक्कड़ बाजार स्थित आइस स्केटिंग रिंक एशिया का एकमात्र ओपन एयर स्केटिंग रिंक है जो कि 100 वर्ष से ज्यादा पुराना है। आइस स्केटिंग क्लब 1920 में शुरू हुआ। जहां आइस स्केटिंग रिंक है, वहां कभी टेनिस कोर्ट था। रिंक में ब्लेसिंगटन नामक अंग्रेज को स्केटिंग शुरू करने का श्रेय जाता है। ब्लेसिंगटन ने देखा कि सर्दियों में टेनिस कोर्ट के नलों में पानी और इसके आसपास पानी जम जाता है। इसको देखते हुए ब्लेसिंगटन ने टेनिस कोर्ट को पानी से भर दिया, जो पूरी तरह से जम गया। इसके बाद टेनिस कोर्ट को स्केटिंग रिंक में बदल दिया।

आइस स्केटिंग रिंक में बुधवार से दोनों सत्र शुरू हो गए हैं। मौसम की मेहरबानी के बाद रिंक में बर्फ पूरी तरह जम गई है। पहले बर्फ पूरी तरह न जमने के कारण सुबह स्केटिंग की जा रही थी, लेकिन अब सुबह-शाम सत्र शुरू कर दिए हैं। इस बार बर्फ समय पर न जमने के कारण सेशन देरी से शुरू हुआ है। रिंक में बहुत समय से बर्फ जमाने का काम किया जा रहा था। 

मौसम पूरी तरह से साथ नहीं दे रहा था। रविवार को यहां पर ट्रायल किया गया था। ट्रायल सफल होने से यहां पर सोमवार को स्केटिंग शुरू कर दी थी। बुधवार शाम सवा छह से आठ बजे तक सेशन शुरू कर दिया। स्केटिंग रिंक के प्रशिक्षक एवं कोषाध्यक्ष पंकज प्रभाकर ने बताया कि स्केटिंग का शाम का सेशन करवाया गया है।

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