जमीन से शिखर तक पहुंचा शिव प्रताप का राजनीतिक सफर, निष्ठा और धैर्य का मिला एक और इनाम
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप को बनाया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार में चार व केंद्र सरकार में एक बार मंत्री रहे हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति की। भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश मंत्री रहे।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 12 Feb 2023 08:49 PM (IST)
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बनाए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला का राजनीतिक सफर काफी समृद्ध रहा है। पार्टी के प्रति निष्ठा और धैर्य का अब उन्हें एक और इनाम मिला है। उप्र के गोरखपुर की खजनी तहसील के रुद्रपुर गांव के रहने वाले 71 वर्षीय शिव प्रताप ने राजनीतिक सफर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के तौर पर शुरू किया, बाद में प्रदेश संगठन मंत्री रहे।
दो गुटों में बंटी बीडीटीएस मैनेजमैंट, भाजपा समर्थित पदाधिकारी मामले को लटकाने का कर रहे प्रयास: तिलक राजगोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति की। भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश मंत्री रहे। गोरखपुर नगर से चार बार विधायक रहने के साथ-साथ 1991 से 1998 के बीच प्रदेश सरकार में चार बार मंत्री रह चुके हैं। 2009 से लेकर 2018 तक भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। राज्यसभा सदस्य रहते हुए केंद्र सरकार में राज्यमंत्री का दायित्व भी बखूबी निभाया है।
आपातकाल के विरोध में गिरफ्तार होने वाले उत्तर प्रदेश के पहले व्यक्ति
25 जून, 1975 में जब इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल लागू किया, तो उसका विरोध करने के आरोप में उत्तर प्रदेश में सबसे पहले जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, वह शिव प्रताप शुक्ला थे। प्रदेश के पहले मीसा बंदी के रूप में वह 19 महीने गोरखपुर जेल में रहे।
राजनीतिक प्रोफाइल
-1989, 1991, 1993 और 1996 में भाजपा के टिकट पर विधायक बने।-1991 में कल्याण सिंह सरकार में बेसिक शिक्षा, खेलकूद, उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री।-1996 में कल्याण सिंह और फिर रामप्रकाश गुप्ता की सरकार में कारागार और विधि व न्याय मंत्री-1999 में राजनाथ सिंह के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार में ग्राम्य विकास मंत्री-2016 में राज्यसभा सदस्य बनाए गए। -2018 में मोदी सरकार में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री बने।
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