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Himachal News: कर्मचारियों को कर्ज देकर दीवाली का तोहफा देगी सुक्खू सरकार, अभी आपदा से बाहर निकला है प्रदेश

दीपावली के अवसर पर हिमाचल सरकार कर्मचारियों को तीन फीसदी डीए दे सकती है। कर्मचारियों व पेंशनरों को डीए चुकाने के लिए सरकार को सात सौ करोड़ रुपये की दरकार रहेगी। मानूसन के कारण आई प्राकृतिक आपदा से बाहर निकलने बाद राज्य सरकार 1000 करोड़ रुपये का ऋण लेने जा रही है। ऋण की यह राशि 10 वर्ष की अवधि के लिए ली जाएगी।

By Edited By: Jeet KumarUpdated: Fri, 13 Oct 2023 05:30 AM (IST)
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हिमाचल सरकार दीपावली के अवसर पर कर्मचारियों को तीन फीसदी डीए दे सकती है

राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश के कर्मचारी लंबे समय से डीए मिलने की आस लगाए हुए हैं, अब मौका भी है और दस्तुर भी। अगले माह दीपावली के अवसर पर सरकार कर्मचारियों को तीन फीसदी डीए दे सकती है। कर्मचारियों व पेंशनरों को डीए चुकाने के लिए सरकार को सात सौ करोड़ रुपये की दरकार रहेगी। जो एक हजार करोड़ का ऋण लिया जा रहा है, ऐसा माना जा रहा है कि कर्मचारियों को डीए का भुगतान किया जाएगा।

ऋण की यह राशि 10 वर्ष की अवधि के लिए ली जाएगी

मानूसन के कारण आई प्राकृतिक आपदा से बाहर निकलने बाद राज्य सरकार 1000 करोड़ रुपये का ऋण लेने जा रही है। ऋण की यह राशि 10 वर्ष की अवधि के लिए ली जाएगी और इसे 18 अक्तूबर, 2043 को लौटाना होगा।

इसके लिए नीलामी प्रक्रिया 17 अक्टूबर को होगी तथा 18 अक्टूबर को यह राशि सरकारी खाते में जमा हो जाएगी। इस तरह प्रदेश सरकार पर ऋण राशि बढक़र 77630 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। इससे पहले राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदा के बीच गत अगस्त माह में 500 करोड़ रुपये का ऋण लिया था।

पहले प्रति व्यक्ति कर्ज 76630 रुपये था अब बढ़ा

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आज पैदा होने वाले हर बच्चे पर 1,02,818 रुपये से अधिक का कर्ज है, जबकि भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले प्रति व्यक्ति कर्ज 76630 रुपये था। इसके चलते वर्तमान सरकार को वर्ष, 2023-24 में ऋण अदायगी पर 9048 करोड़ रुपये व्यय करने होंगे। मौजूदा समय में प्रदेश पर 10 हजार करोड़ रुपये वेतन व पेंशन के अलावा 600 करोड़ रुपये के महंगाई भत्ते के अदा करने हैं।

कर्ज लेने में पांचवे स्थान पर पहुंचा हिमाचल

हिमाचल प्रदेश इस समय अधिक कर्ज लेने वाले राज्यों में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। इसका खुलासा उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने विधानसभा के मानसून सत्र में प्रदेश के वित्तीय हालात को लेकर प्रस्तुत श्वेत पत्र में किया था। इसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (बोर्ड-निगम) 5000 करोड़ रुपये के घाटे में है।

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