Lok Sabha Election से पहले अब असंतुष्टों को मनाएगी सुक्खू सरकार, बागी विधायकों को वापस लाने की रणनीति पर काम शुरू
Lok Sabha Election 2024 हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले सुक्खू सरकार अब असंतुष्टों को मनाने में लगी है। चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है ऐसे में पार्टी अयोग्य घोषित विधायकों को वापस लाने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए इनकी एकजुटता को तोड़ने पर काम किया जाएगा। इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली पहुंचे।
जागरण संवाददाता, शिमला। पूर्ण बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा चुनाव में हार और उसके बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट से बाहर निकलने के लिए प्रदेश कांग्रेस व सरकार प्रयास कर रही हैं।
शिमला से दिल्ली तक कई स्तर पर मंथन हो चुका है। लोकसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है, ऐसे में पार्टी अयोग्य घोषित विधायकों को वापस लाने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए इनकी एकजुटता को तोड़ने पर काम किया जाएगा।
दिल्ली पहुंचे सुखविंदर सुक्खू
केंद्रीय नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव से पहले इस पर काम शुरू करने को कहा है। इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली पहुंचे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से पूरे घटनाक्रम पर चर्चा की। खरगे ने अयोग्य घोषित विधायकों के बारे में मुख्यमंत्री से पूछा। मुख्यमंत्री ने गुरुवार देर रात खरगे व महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ मुलाकात की थी, जबकि शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की।यह भी पढ़ें: Himachal News: 'BJP के षड्यंत्र नहीं होंगे सफल, पांच साल चलेगी सरकार...'; CM सुक्खू ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने खरगे व प्रियंका को रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में बताया है कि विधायकों को एकजुट रखने व उनकी नाराजगी को दूर करने पर काम हो रहा है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने जो सुझाव दिए थे, उन पर कितना काम किया जा चुका है, यह भी बताया। मुख्यमंत्री ने हाईकमान को बताया कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जो गारंटियां दी थीं, उनमें से पांच को पूरा किया जा चुका है। गठन के कामकाज पर भी बैठक में चर्चा की गई है।
कार्यकारी अध्यक्ष होंगे तैनात
पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को लोकसभा चुनाव में सभी को साथ लेकर चलने और चुनाव पर पूरा ध्यान केंद्रित करने को कहा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस संगठन में संतुलन बनाने के लिए कार्यकारी अध्यक्ष तैनात किए जाएंगे। विधानसभा चुनाव से पहले भी चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए थे।इनमें से दो हर्ष महाजन व पवन काजल कांग्रेस छोड़ चुके हैं। राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग के बाद राजेंद्र राणा ने भी कार्यकारी अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया है। चौथे कार्यकारी अध्यक्ष विनय कुमार विधानसभा उपाध्यक्ष हैं। प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चा है। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी प्रतिभा सिंह को मंडी संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में है।
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