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सुक्‍खू ने जारी की Economic Survey Report, हिमाचल में चार लाख से ज्‍यादा लोग गरीबी से निकले बाहर, इतनी बढ़ी प्रति व्‍यक्ति आय

Himachal Economic Survey Report हिमाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री सुक्‍खू ने वित्त वर्ष की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की है। प्रदेश में अब चार लाख से ज्‍यादा लोग गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं। वहीं रोजगार में भी वृद्धि आई है। प्रदेश में प्राकृतिक आपदा और बाढ़ के बाद भी विकास का पहिया थमा नहीं विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अधिकांश क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी।

By Parkash Bhardwaj Edited By: Himani Sharma Updated: Fri, 16 Feb 2024 05:35 PM (IST)
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हिमाचल में चार लाख से ज्‍यादा लोग गरीबी से निकले बाहर (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 235199 रुपये पहुंच चुकी है और सुखद बात ये भी है पहाड़ी राज्य में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले 4.67 लाख लोग कठिन परिश्रम करते हुए गरीबी रेखा से बाहर निकल आए हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था में चहुंमुखी विकास होने का प्रमाण मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में सामने आया है।

विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में इस वित्त वर्ष की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट रखी। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि विकास दर 7.1 फीसदी होगी, जोकि पिछले वित्त वर्ष की 6.9 फीसदी की तुलना में अधिक है।

अधिकांश क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था बढ़ी आगे

प्रदेश में प्राकृतिक आपदा और बाढ़ के बाद भी विकास का पहिया थमा नहीं, विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अधिकांश क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी। पर्यटन राज्य की बात की जाए तो कोरोना काल से पहले पर्यटकों की संख्या के आंकड़े को छुआ।

प्रति व्यक्ति आय को लेकर विस्तार से बात की जाए तो पिछले साल 218788 रुपये थी। प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय मौजूदा वर्ष में अनुमानित राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से 49345 रुपये अधिक है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को तीन प्रमुख क्षेत्रों प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक द्वारा आर्थिक भागीदारी में मापा जाता है।

गरीबी के चक्र से 4.67 लाख लोग बाहर निकले

राज्य में लोगों द्वारा गरीबी से बाहर निकलने के प्रयास सफल रहे हैं, 4.67 लाख गरीबी से उबरे हैं। प्रदेश में बहुआयामी गरीबी दर 2013-14 में 10.14 फीसदी थी, जोकि घटकर पिछले वर्ष तक 3.88 फीसदी रह गई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण पर आधारित गरीबी सूचकांक के अनुसार प्रदेश में हेडकाउंट गरीबी दर घट रही है।

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रोजगार के मामले में पड़ोसियों से आगे

रोजगार के मामले में पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और अखिल भारतीय स्तर से हिमाचल आगे है। हिमाचल 61.3, उत्तराखंड 42.5, पंजाब 42.3, हरियाणा 36.3 और अखिल भारतीय स्तर पर 42.4 फीसदी है। इस आंकड़ों को देखते हुए प्रदेश बहुत आगे है।

सभी उम्र के लिए हिमाचल प्रदेश में श्रमिक जनसंख्या अनुपात 58.6 फीसदी रहा, जबकि उत्तराखंड में 40.6, पंजाब में 39.7, हरियाणा में 34.1 और अखिल भारतीय अनुपात 41.1 फीसदी है। प्रदेश में 54.8 फीसदी महिलाएं पड़ोसी राज्यों व अखिल भारतीय स्तर के 27.0 की तुलना में आर्थिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय रुप से भाग ले रही हैं। बेरोजगारी की बात की जाए तो प्रदेश में 4.4 फीसदी है तो उत्तराखंड में 4.5 और पंजाब व हरियाणा में 6.1 है।

कोरोना काल से पहले के स्तर पर पहुंचे पर्यटक

प्रदेश में कोरोना काल से पहले पर्यटकों की संख्या 1.60 करोड़ थी और उसके बाद पर्यटकों की संख्या निचले स्तर पर पहुंच गई थी। लेकिन पिछले साल 1.51 करोड़ की तुलना में अभी तक 1.60 करोड़ से अधिक पर्यटक प्रदेश की सैरगाहों में पहुंच चुके हैं। सरकार का पूरा फोकस पर्यटकों की संख्या को बढ़ाकर 5 करोड़ तक लाना है। उस दिशा में पर्यटन गतिविधियां संचालित की जा रही है।

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वे क्षेत्र, जिनमें आगे बढ़े

प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा और बाढ़ के बावजूद निर्माण क्षेत्र 12.9 फीसदी बढ़ा। इसी तरह से विनिर्माण क्षेत्र 8.9, परिवहन व अन्य क्षेत्र 11.4, रियल एस्टेट 7.2, पर्यटन क्षेत्र में 8.4 फीसदी की गति रही। सेवा क्षेत्र में 43.50 फीसदी रही। इसके अतिरिक्त वानिकी में 27.3, मत्स्य पालन में 1.1 और दुधारू पशुओं के मामले में 9.6 फीसदी रही।

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