Tourist in Manali: मनाली में 15 मई के बाद गति पकड़ेगा समर सीजन, उमड़ेगा पर्यटकों का हुजूम
Tourist in Manali कारोबारियों की मानें तो पर्यटन नगरी में होटलों की ऑनलाइन बुकिंग नाममात्र शुरू हुई है। पर्यटन कारोबारी सुशील अजय राजू व रवि का कहना है कि 15 मई के बाद बुकिंग का रिस्पांस बेहतर है लेकिन मई के शुरुआती दो सप्ताह कारोबार ठंडा रहेगा।
मनाली,जागरण संवाददाता। पर्यटन नगरी मनाली में 15 मई के बाद पर्यटन कारोबार रफ्तार पकड़ेगा। हालांकि हर साल 15 मई को माता हिडिम्बा के जन्मदिन पर मनाए जाने वाले मेले के बाद ही मनाली में समर सीजन गति पकड़ता है तथा मई पहले सप्ताह पर्यटन कारोबार धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगता है। लेकिन इस बार पहाड़ों पर लगातार हिमपात व बारिश होने से मैदानी क्षेत्रों में तापमान भी सामान्य बना हुआ है। जिस कारण बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की आमद कम है।
कारोबारियों की मानें तो पर्यटन नगरी में होटलों की ऑनलाइन बुकिंग नाममात्र शुरू हुई है। पर्यटन कारोबारी सुशील, अजय, राजू व रवि का कहना है कि 15 मई के बाद बुकिंग का रिस्पांस बेहतर है लेकिन मई के शुरुआती दो सप्ताह कारोबार ठंडा रहेगा। शुक्रवार व शनिवार को बाहरी राज्यों से उम्मीद से बहुत कम लगभग 2000 पर्यटक वाहन मनाली पहुंचे।
शनिवार से ही शुरू है बर्फबारी
शनिवार को सुबह से शाम चार बजे तक मौसम साफ रहा, लेकिन चार बजे के बाद उंची चोटियों में हिमपात का क्रम शुरु हो गया। दूसरी ओर शनिवार को कोकसर में बर्फ के दीदार को पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से शाम तक पर्यटकों ने बर्फ में खेलने का आनंद लिया। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर व रोशन ठाकुर ने कहा कि 15 मई के बाद ही मनाली में समर सीजन रफ्तार पकड़ेगा।
तापमान बदलने से सेब की फसल पर असर
मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए ओलावृष्टि के पूर्वानुमान ने बागवानों की चिंता बढ़ा दी है। ऊंचाई वाले सेब उत्पादक क्षेत्रों में इन दिनों फ्लावरिंग अंतिम चरण में है जबकि मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फलों की सेटिंग हो गई है। बारिश और ओलावृष्टि से तापमान गिरने पर फसल को भारी नुकसान का अंदेशा है।ओलावृष्टि होने से मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां फलों की सेटिंग हो गई है और एंटी हेलनेट नहीं लगे है वहां फल गिरने का खतरा है। 7500 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फूल झड़ने से फसल प्रभावित होने की आशंका है। तापमान में गिरावट से फसल पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से जारी किए पूर्वानुमान में 30 अप्रैल तक मौसम खराब रहने का संभावना जताई गई है।
कड़ाके की ठंड, लोगों ने निकाले गर्म कपड़े
मौसम की बेरुखी से अप्रैल में भी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एक बार फिर से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। बीते कुछ दिनों से लगभग हर रोज झमाझम मेघ बरस रहे हैं। इसके चलते समूचा क्षेत्र ठंड की चपेट में आ गया है। लोग गर्म कपड़े पहनने को मजबूर हो गए हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के बीच शनिवार दोपहर बाद अचानक मौसम ने करवट बदली। देखते ही देखते दोपहर को ही अंधेरा छा गया। चौपाल उपमंडल के अधिकतर क्षेत्रों में झमाझम बारिश हुई। बारिश होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। तापमान में गिरावट आने से क्षेत्र में एक बार पुनः सर्दी का प्रकोप भी बढ़ गया है और लोग गर्म कपड़े पहनने को मजबूर हो गए है।