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हिमाचल प्रदेश में मंत्रिमंडल गठन को लेकर संशय जरी, केंद्रीय नेताओं के साथ मुख्यमंत्री सुक्खू कर रहे हैं मंथन

मुख्यमंत्री दिल्ली में मंत्रिमंडल के गठन पर केंद्रीय नेताओं के साथ मंथन कर रहे हैं। प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल के अलावा प्रदेश में पार्टी के पर्यवेक्षक रहे भूपेंद्र हुड्डा से भी इस पर चर्चा हुई है। उम्मीद है कि जल्द ही मंत्रियों के नाम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 18 Dec 2022 09:00 AM (IST)
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हिमाचल प्रदेश में मंत्रिमंडल गठन को लेकर संशय जरी। फाइल फोटो।
अनिल ठाकुर, शिमला। मुख्यमंत्री दिल्ली में मंत्रिमंडल के गठन पर केंद्रीय नेताओं के साथ मंथन कर रहे हैं। प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल के अलावा प्रदेश में पार्टी के पर्यवेक्षक रहे भूपेंद्र हुड्डा से भी इस पर चर्चा हुई है। उम्मीद है कि जल्द ही मंत्रियों के नाम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इधर, प्रदेश में मंत्रिमंडल को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चा है। कहा जा रहा है कि मंत्री पद के अधिक दावेदार शिमला, कांगड़ा और सोलन जिला से हैं। इनमें से अधिकतर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थक हैं।

प्रियंका गांधी से चर्चा के बाद लगेगी अंतिम मुहर

सुक्खू के सामने परेशानी यह है कि वह किसे चुनें और किसे छोड़ें। जिन विधायकों को मंत्री पद नहीं मिल पाता है, उन्हें क्या पद दिए जाएं, इस पर माथापच्ची चल रही है। चर्चा यह भी है कि हर धड़े को साथ लेकर चलने की कवायद के कारण मंत्रिमंडल का गठन लटका है। पहली बार मुख्यमंत्री बने सुक्खू के लिए सभी को साथ लेकर चलना बड़ी चुनौती बन गई है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मंत्रियों की सूची तैयार कर ली गई है। इस संबंध में प्रियंका गांधी वाड्रा से चर्चा के बाद अंतिम मुहर लगाई जाएगी। कांगड़ा जिला में स्थिति लगभग स्पष्ट हो गई है, लेकिन शिमला में अब भी पेच फंसा हुआ है।

किस जिला से कौन दौड़ में

कांगड़ा से चंद्र कुमार और सुधीर का नाम तय माना जा रहा है। जिला से तीसरे मंत्री के रूप में आशीष बुटेल, भवानी पठानिया व यादवेंद्र गोमा का नाम भी शामिल है। चंबा जिले से कुलदीप पठानिया, सोलन से धनीराम शांडिल व संजय अवस्थी में से एक, किन्नौर से जगत सिंह नेगी, लाहुल स्पीति से रवि ठाकुर, सिरमौर से हर्षवर्धन चौहान, घुमारवीं से राजेश धर्माणी, हमीरपुर से राजेंद्र राणा, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर को मंत्री पद मिल सकता है। इन्हीं में से दो विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाए जाएंगे।

पहले चरण में बनेंगे आठ मंत्री

चर्चा है कि सरकार एक साथ 10 मंत्री बनाने के बजाय आठ मंत्री बनाएगी। दो पद खाली रखे जाएंगे ताकि भविष्य में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाए। धर्मशाला में शीतकालीन सत्र के बाद ही मंत्री बनाए जाएंगे। वहीं, दिल्ली से अधिकतर विधायक शनिवार दोपहर के बाद लौट आए हैं। हालांकि, कुछ दिल्ली में ही डटे हैं और मंत्री पद के लिए लाबिंग कर रहे हैं। कांग्रेस के 68 में से 40 विधायक जीत कर आए हैं। इनमें से करीब 18 नेता मंत्री पद की दौड़ में हैं।

इस पर फंसा पेच

शिमला जिले से कई दावेदार शिमला की आठ में से सात सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। वीरभद्र सरकार में सीपीएस रहे रोहित ठाकुर व अनिरुद्ध सिंह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी हैं। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के करीबी मोहन लाल ब्राक्टा भी एससी कोटे से मंत्री पद की दौड़ में हैं। हाईकमान के चहेते कुलदीप राठौर भी किसी पद की आस में हैं। उन्हें मंत्री या विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बनाने की चर्चा है। विक्रमादित्य सिंह का मंत्री बनना तय है। सुक्खू दो बार यह बात कह चुके हैं। एक ही जिला से पांच दावेदार होने पर पेच फंसा हुआ है।

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