Himachal Politics: 'सुरक्षा में हुई चूक, विधानसभा में तैनात हों स्थाई सुरक्षा अधिकारी'; समीक्षा बैठक में बोले पठानिया
Himachal Political Crisis हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दौरान अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के चैंबर में जबरदस्ती घुसने के मामले में कुलदीप पठानिया ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा में चूक हुई है। विधानसभा में स्थाई सुरक्षा अधिकारियों को तैनात किया जाना चाहिए। कुलदीप पठानिया ने समीक्षा बैठक के दौरान ये आदेश दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Political Crisis: विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के चैंबर में जबरदस्ती घुसने और वहां पर हुए सारे घटनाक्रम को लेकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इसे बड़ी चूक बताया है।
इस संबंध में अपनी व विधानसभा की सुरक्षा में स्थाई सुरक्षा अधिकारी को तैनात करने के लिए कहा है। ये बात कुलदीप सिंह पठानिया ने शुक्रवार को विधान सभा सचिवालय में सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक के दौरान कही।
बैठक में मौजूद लोग
इस बैठक में गृह सचिव अभिषेक जैन, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडु, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था अभिषेक त्रिवेदी, पुलिस महानिरीक्षक दक्षिण रेंज पीडी प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक सतर्कता संतोष पटियाल, विधान सभा सचिव यशपाल शर्मा पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी, पुलिस अधीक्षक सीआईडी जिला शिमला भूपेन्द्र नेगी, कमांडेंट होम गार्ड तृतीय वाहिनी नविता शर्मा तथा संयुक्त सचिव विधान सभा बेग राम कश्यप शामिल थे।
सुरक्षा मुहैया करवाना हमारी प्राथमिकता: पठानिया
कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि लोक सभा तथा विधान मंडल संसदीय प्रणाली के सर्वोच्च संस्थान हैं जिन्हें सुरक्षा मुहैया करवाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। सत्र के दौरान सदन के अन्दर सुरक्षा व्यवस्था में हुई चूक तथा आपसी तालमेल की कमी पर खेद व्यक्त करते हुए विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि भविष्य में इसे न दोहराया जाए तथा विधानसभा के सुरक्षा कवच को मजबूत तथा अभेद्य बनाया जाए।
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सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता
पठानिया ने कहा कि अब समय काफी बदल चुका है तथा बदलते परिवेश व कई लोगों की अवांछित कार्यशैली के अनुरूप ही हमें शिमला व तपोवन (धर्मशाला) में सुरक्षा तन्त्र को मजबूत करने की आवश्यकता है। आजकल विधायकों तथा समाज के प्रतिष्ठित लोगों को कई आपराधिक प्रवृति वाले संगठनों तथा आपसी रंजिश के चलते व्यक्तिगत धमकियां मिल रही हैं। उसका मुकाबला करने के लिए हमें पहले ही तैयार रहना होगा तथा वारदात के अंजाम देने से पहले ही उसका उचित हल ढूंढना होगा।
अब हमें सुरक्षा प्रबंधों के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करना होगा ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने में सक्षम हों। जो भी सुरक्षा समूह यहां तैनात हो वह प्रशिक्षित तथा मजबूत होना चाहिए ताकि वे सदन के अन्दर तथा बाहर उचित सुरक्षा मुहैया करवा सकें।
विधानसभा सत्र के दौरान ही रहता है सुरक्षा का जिम्मा
विधानसभा सत्र के दौरान ही पुलिस अधीक्षक शिमला की अध्यक्षता में सुरक्षा का जिम्मा रहता है। अन्य दिनों में चार पुलिस जवान तैनात रहते हैं। ऐसे में अब स्थाई सुरक्षा अधिकारी की मांग के तहत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी का जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।