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'5 लाख नौकरी देने के नाम पर आए थे सत्ता में, अब छीन रहे रोजगार'; सुक्खू सरकार पर जयराम ठाकुर का हमला

हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर चुनावी वादे पूरे न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार में लोगों को नौकरी मिलना तो दूर की बात है हर दिन नौकरियां छीनी जा रही हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भी उन्होंने हमला बोला और कहा कि राजधानी शिमला के आईजीएमसी में डायबिटीज और थायराइड जांच के लिए किट तक उपलब्ध नहीं हैं।

By rohit nagpal Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Fri, 18 Oct 2024 07:30 PM (IST)
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जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर निशाना साधा है।
जागरण संवाददाता, शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार अपने चुनावी वादे को भूल गए हैं। कांग्रेस चुनाव के दौरान दी गई गारंटियों के विपरीत कार्य कर रही हैं।

सरकार में लोगों को नौकरी मिलना तो दूर की बात है, हर दिन नौकरियां छीनी जा रही हैं। सरकार पांच लाख युवाओं को नौकरी देने के नाम पर सत्ता में आई थी , सत्ता में आने के बाद लोगों को नौकरी से निकालने का काम कर रही है।

स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने किया हमला 

मुख्यमंत्री के अपने हलके नादौन में जलशक्ति के डिवीजन से अब तक लगभग 80 से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाला जा चुका है। बिना किसी नोटिस के निकाले गए लोगों में ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो पंद्रह साल से आउटसोर्स कर्मी के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे।

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जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में सरकार कहती है कि वह हिमाचल की स्वास्थ्य सुविधा को विश्व स्तरीय बना रही है। दुनिया भर की इधर-उधर की बातें करती है , लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य महकमें की सच्चाई यह है कि राजधानी शिमला के आईजीएमसी में डायबिटीज की जांच करने वाली किट उपलब्ध नहीं है, थायराइड जांच में इस्तेमाल होने वाली किट नहीं है।

इसकी वजह से इतनी छोटी-छोटी जांच नहीं हो पा रही हैं। अगर यह हाल राजधानी और प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल का है, तो दूर दराज के इलाकों में स्वास्थ्य की क्या स्थिति होगी, इसे अच्छी तरह से समझा जा सकता है।

कर्मचारियों को देरी से मिल रहा है वेतन

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आईजीएमसी में काम करने वाले सफाई और सुरक्षा कर्मियों चार-चार महीने से मानदेय नहीं मिला है। एक बहुत छोटी से आय में घर चलने वाले लोगों को सरकार द्वारा समय पर मानदेय न दिया जाना शर्मनाक है।

ऐसा नहीं है कि मानदेय न मिलने की जानकारी सरकार के आला अफसरों और मुख्यमंत्री को नहीं है। मानदेय न मिलने की कई बार सीधे शिकायत मुख्यमंत्री से भी हो चुकी है और वेतन न देने को लेकर कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं।

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