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बासी व खराब खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर प्रशासन ने कसी नकेल, हो सकती है जेल

बरसात में बासी और दूषित खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर प्रशासन और खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने नकेल कस दी है दोषी पाये गये दुकानदारों पर कार्रवाई की जाएगी उन्हें जेल तो हो सकती है।

By Babita kashyapEdited By: Updated: Mon, 22 Jul 2019 10:12 AM (IST)
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बासी व खराब खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर प्रशासन ने कसी नकेल, हो सकती है जेल
शिमला, जेएनएन। बरसात में अक्सर लोग बासी भोजन और कटे-सड़े फल खाने के कारण बीमार होते हैं। बासी और दूषित खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर नकेल कसने के लिए प्रशासन और खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण शिकंजा कसता है। ऐसा करने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उनके लाइसेंस रद किए जाएंगे। यही नहीं उन्हें जेल की सजा भी काटनी पड़ सकती है। इसे अब सख्ती से लागू किया जाएगा और निरीक्षण का पूरा ब्योरा व ऑडिट होगा। हर दुकानदार जो खाद्य पदार्थ बेचता है चाहे वह चिप्स, बिस्कुट, परांठा और ठेला लगाकर चाट पापड़ी बेचने वालों को पंजीकरण करवाकर लाइसेंस लेना अनिवार्य है। लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ क्या किया जा रहा है और इसके खिलाफ किस तरह के कानून हैं, इस संबंध में भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण की अध्यक्ष रीता टिओटिया ने बातचीत की गई। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के कुछ अंश :-

होटल व रेस्टोरेंट सहित ढाबों में परोसे जाने वाले खाने और सामान की गुणवत्ता जांचने की कया व्यवस्था है?

-लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो और उचित खाना मिले, इसके लिए टॉफी, बिस्कुट सहित गोलगप्पे, चाट का ठेला लगाने वाले को पंजीकरण करवाना और लाइसेंस लेना जरूरी है। जो पंजीकरण नहीं करवाएगा उसका सामान जब्त कर मामला दर्ज किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा अधिकारी समय-समय पर जांच कर खाद्य सामग्री का सैंपल भरेंगे।

प्रदेश में तो खाद्य पदार्थों की जांच कम हो रही है। लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ रोकने के लिए क्या करेंगे?

-स्वच्छ और बेहतर खाने व खाद्य सुरक्षा के मामले में हिमाचल 25 राज्यों में 18वें स्थान पर है। अब निर्देश दिए गए हैं और लगातार जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। सैंपल भी लिए जाएंगे। अब निरीक्षण के लिए अधिकारियों की संख्या भी काफी है।

होटल व रेस्टोरेंट की रेटिंग कैसे होगी और क्या लाभ होगा?

-होटल और रेस्टोरेंट के खाने की गुणवत्ता के लिए रेटिंग होगी और अंक दिए जाएंगे। रेस्टोरेंट और ढाबों की रेटिंग केवल खाना पकाने और परोसने के कार्य तक ही सीमित नहीं होगी। यह भी जांच जाएगा कि रसोई किस तरह की है वहां पर स्वच्छता कैसी है। खाना पकाने वालों के कपड़ों का निरीक्षण, पानी और सब्जियों के साथ दूसरे खाने के सामान का निरीक्षण होगा। उसके आधार पर रेटिंग दी जाएगी

और लगातार निरीक्षण होगा। जिस रेस्टोरेंट का जितना बढ़िया खाना होगा उसकी  रेटिंग उतनी अच्छी होगी। रेटिंग का कार्य भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण के प्रशिक्षित ऑडिट करेंगे।

खाद्य पदार्थों के सैंपल लेने पर 45 दिन बाद रिपोर्ट आती है। तब तक तो तैयार सामान बिक जाता है। ऐसी रिपोर्ट का क्या लाभ?

-अत्याधुनिक उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। उसके बाद सैंपल जांच रिपोर्ट जल्द आ जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कर कोर्ट में चलाए जाएंगे, ताकि कड़ी कार्रवाई हो सके।

 -यादवेन्द्र शर्मा, शिमला

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