Tourist in Himachal Pradesh: बारिश के चलते पर्यटन कारोबार पड़ा धीमा, वीकेंड पर भी नहीं दिख रहे पर्यटक; ये वजह आई सामने
शिमला में बारिश के मौसम के चलते पर्यटन कारोबार में काफी गिरावट दर्ज की गई है। शिमला में गर्मियों के मौसम में पर्यटकों की काफी चहल-पहल होती है लेकिन बारिश शुरू होने के बाद शिमला में पर्यटकों की संख्या में गिरावट आने लगती है। दरअसल पिछले वर्ष बरसात के दौरान शिमला सहित पूरे हिमाचल में आपदा का दौर चल रहा था। इसी डर के चलते पर्यटक कम आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला। बारिश के मौसम में शिमला में पर्यटन कारोबार मंदा पड़ गया है। गर्मियों के मौसम में जहां शिमला में पर्यटकों की खूब चहल-पहल थी, तो वहीं बरसात शुरू होने के बाद शिमला में पर्यटकों की संख्या घटने लगी है। सप्ताहांत के दौरान भी अब पर्यटकों की संख्या ज्यादा नहीं है।
टूरिज्म स्टेक इंडस्ट्री एसोसिएशन के महासचिव प्रिंस कुकरेजा का कहना है कि शहर में पर्यटन कारोबार फिर से एक बार मंदा पड़ गया है। पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो गई है। गर्मियों में जहां ऑक्यूपेंसी सप्ताहांत पर 80 प्रतिशत से ज्यादा थी तो वहीं अब सप्ताहांत पर भी 25 से 30 प्रतिशत के आसपास ही ऑक्यूपेंसी है।
गर्मी से छुटकारा पाने के लिए पहाड़ों का रुख कर रहे लोग
गर्मियों में जहां बाहरी राज्यों में तपती गर्मी से छुटकारा पाने के लिए लोग शिमला व अन्य पहाड़ी क्षेत्रों का रुख कर रह थे, तो वहीं अब बरसात शुरू होने से पर्यटकों ने पहाड़ों की तरफ आना बंद कर दिया है। इसका कारण यह है कि पिछले वर्ष बरसात के दौरान शिमला सहित पूरे हिमाचल प्रदेश में आपदा का दौर चल रहा था।
भारी बरसात के कारण जगह जगह पेड़ गिरने, भूस्खलन जैसी घटनाओं का दौर जारी था। शिमला सहित कई जगहों पर कई हादसे भी पेश आए। इनमें सैकड़ों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। यहीं कारण है कि पिछले वर्ष का खौफ अभी भी सैलानियों में बना हुआ है। इसके कारण कम संख्या में सैलानी शिमला का रुख कर रहे हैं।
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कारोबारियों के मुरझाए चेहरे
पर्यटकों की संख्या कम होने से शहर में पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की सिरदर्दी शुरू हो गई है। पर्यटकों की संख्या कम होने से पर्यटन कारोबारियों के चेहरे मुरझा गए है। शहर में होटल कारोबारियों, होम स्टे संचालकों, घोड़ा चालकों, टैक्सी चालकों, गाइड व अन्य लोग जो पर्यटन कारोबार से जुड़े हैं, उनकी मुश्किलें अब बढ़ गई है। यहां तक कि शिमला के रिज मैदान और मालरोड पर भी सैलानियों की संख्या अब पहले की बजाए काफी कम गई है।
सप्ताहांत के बाद नहीं मिल रही सवारियां
आल कर्मशियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी के महासचिव राजेंद्र ठाकुर का कहना है कि बारिश कों का दौर जब से शुरू हुआ है। पर्यटन कारोबार भी मंदा हो गई है। मई और जून महीने में पर्यटकों की अच्छी खासी संख्या था। पिछले वर्षों से मंदी की मार झेल रहे टैक्सी चालकों की कुछ उम्मीदें जगी थी, लेकिन बरसात आने से अब टैक्सी चालकों में अब निराशा है। सप्ताहांत के अलावा सप्ताह के अन्य दिनों में कभी कभार ही सवारियां मिल पा रही हैं।
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