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Chamba: यूनियनों ने कार्यस्थलों पर मनाया अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस, कहा- मजदूरों की शहादत की देन है श्रम कानून

Himachal Pradesh News चंबा में सीटू से जुड़ी यूनियनों ने कार्य स्थलों पर अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया। कुठेड हाइड्रो प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन चमेरा के सभी प्रोजेक्ट बैरा सिंयूल प्रोजेक्ट में इस उपलक्ष्य पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Mon, 01 May 2023 06:13 PM (IST)
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यूनियनों ने कार्यस्थलों पर मनाया अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस
संवाद सहयोगी, चंबा: चंबा में सीटू से जुड़ी यूनियनों ने कार्य स्थलों पर अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया। कुठेड हाइड्रो प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन, चमेरा के सभी प्रोजेक्ट, बैरा सिंयूल प्रोजेक्ट में इस उपलक्ष्य पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कुठेड़ में सीटू जिला अध्यक्ष नरेंद्र, सचिव सुदेश विशेष रूप में शामिल रहे। अपने संबोधन में नरेंद्र ने कहा कि श्रम कानून मजदूर आंदोलन की देन है। जिसमें लाखों लोगों ने अपनी शहादत दी है।

शिकागो में चले आंदोलन को अमेरिका की सरकार ने कुचल दिया था

आठ घंटे काम के, आठ घंटे मनोरंजन, आठ घंटे आराम की मांग को लेकर शिकागो में चले आंदोलन को अमेरिका की सरकार ने कुचल दिया था और मजदूर नेताओं को फांसी दे दी थी और गोलियां चलाई थी जिसमें सेंकड़ों मजदूर शहीद हुए थे। सीटू उसी मजदूर आंदोलन की विरासत को लेकर काम कर रही है और मजदूरों के लिया निस्वार्थ लड़ाई लड़ रहे हैं। अभी भारत में भी मजदूरों के अधिकारों पर हमले तेज हो रहे हैं। श्रम कानून को खत्म करने की कोशिश जारी है।

मोदी सरकार ने 44 श्रम कानून को चार संहिता में तब्दील कर मजदूरों का किया शोषण

मोदी सरकार ने 44 श्रम कानून को चार संहिता में तब्दील करके मजदूरों के खिलाफ काम करना शुरू कर दिया है। जिला सचिव सुदेश ने कहा की 1991 के बाद की नव उदारवाद की नीति ने सरकारी उपक्रमों के निजीकरण के साथ मजदूरों के अधिकारों पर भी हमले शुरू कर दिए थे। मोदी सरकार ने इज ऑफ डूइंग बिजनेस के नाम पर श्रम कानूनों में बदलाव करके कोड में बदल दिया है। मजदूरों को यूनियन बनाने का अधिकार को खत्म किया है।

काम करने के आठ घंटों को बढ़ाकर कर दिया 12

काम करने के आठ घंटों को बढ़ाकर 12 कर दिया है। इतने साल बाद आज सरकार फिर से उसी रास्ते पर चल पड़ी है। जिसका सीटू पुरजोर विरोध करती है। रोजगार को फिक्स टर्म, आउटसोर्स किया है। जिसमें सब कुछ बड़े पूंजीपति के हाथ में हैं, उसे अधिकार है मर्जी से मजदूर को रखेगा मर्जी से निकालेगा। उन्हें एक बंधुआ और गुलाम बनाने का काम इस सरकार ने किया है। सरकार ने स्थाई उपक्रमों में भी अस्थाई भर्ती कर दी है।

मजदूर वर्ग का शोषण है चरम पर

मजदूर वर्ग का शोषण चरम पर है जिसको सरकार का संरक्षण है। मजदूर दिवस पर मजदूरों ने ये शपथ ली है की मजदूर पूरे देश में इन नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज करेंगे। आने वाले समय में ठेकाकरण, आउटसोर्स के खिलाफ व स्थाई रोजगार के लिए आंदोलन किया जायेगा।

कुठेड प्रोजेक्ट में यूनियन के पदाधिकारी शोभन, जीवन, सीता राम, महेंद्र राणा चमेरा प्रोजेक्ट में प्रधान अयूब, सचिव राकेश, संतोष, फारुख बैरा सियूंल अध्यक्ष चमन, सचिव धर्म चंद्, चैन लाल सहित सभी मजदूर शामिल रहे।

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