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Himachal News: विधानसभा अध्यक्ष पठानिया के खिलाफ बीजेपी विधायक की टिप्पणी पर हंगामा, निंदा प्रस्ताव पारित

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को अध्यक्ष कुलदीप पठानिया के खिलाफ भाजपा विधायक इंद्रदत्त लखनपाल की टिप्पणी पर जमकर हंगामा हुआ। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इस टिप्पणी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया। दरअसल विधानसभा उपचुनाव के दौरान चुनावी जनसभा में कुलदीप पठानिया द्वारा की गई टिप्पणी से भाजपा विधायक नाराज थे और उनसे माफी की मांग कर रहे थे।

By Parkash Bhardwaj Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 31 Aug 2024 11:58 AM (IST)
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विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया सदन की कार्रवाई के दौरान।

राज्य ब्यूरो, शिमला। शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा विधायक इंद्रदत्त लखनपाल द्वारा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के विरुद्ध की गई टिप्पणी पर हंगामा हुआ। इस पर सरकार ने निंदा प्रस्ताव भी पारित किया।

संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने निंदा प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि दोपहर से पहले इंद्रदत्त ने जिस टिप्पणी का उल्लेख किया, वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी रिकॉर्ड से हटा दी गई है। अध्यक्ष ने निष्पक्षता से कार्य किया है। विपक्ष को उनकी बात रखने का पूरा मौका दिया है।

विधानसभा अध्यक्ष से इस्तीफे की मांग

भोजनावकाश से पहले लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के दौरान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा चुनावी जनसभा में की गई टिप्पणी से नाराज विपक्ष चाहता था कि वह सदन में माफी मांगें। प्रश्नकाल के तुरंत बाद इंद्रदत्त द्वारा प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत रखी बात पर हंगामा हो गया। पहले तो विपक्षी सदस्य सीट से खड़े होकर विरोध जताते रहे और बाद में सदन के बीच आकर नारेबाजी की।

काली पट्टी बांधकर आए भाजपा विधायक

इस बीच, सत्ता पक्ष की ओर से हर्षवर्धन चौहान ने नारेबाजी का प्रतिकार किया। इसके बाद मंत्री और कांग्रेस विधायक भी विधानसभा अध्यक्ष के पक्ष में नारेबाजी करते दिखे। सदन में हंगामा चलता रहा और इस बीच ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखे गए।

जब विपक्षी सदस्य सीटों पर नहीं लौटे और ऐसी स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर दो बजे भोजनावकाश के बाद भाजपा विधायक विरोधस्वरूप बाजुओं पर काली पट्टी बांधकर आए।

पठानिया ने जनसभा में विधायकों के बारे में जो कहा था उस पर हमारे सहयोगी विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने खेद प्रकट करने की मांग उठाई। कई विधायक फिर से जनता की अदालत से चुनकर आए हैं। इसलिए उन्होंने अध्यक्ष से खेद प्रकट करने की मांग की थी।

-जयराम ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष।

सदन के अंदर नहीं लगा सकते बिल्ले

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नियम-118 में सदन के अंदर कोई भी सदस्य बिल्ले लगाकर नहीं आ सकता है। यदि किसी ने लगाए हैं तो उसे हटा दें, यह सदन की गरिमा के खिलाफ है। वह इस बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहते।

अध्यक्ष ने नियम 130 के तहत भाजपा विधायक डॉ. जनक राज को चर्चा में हिस्सा लेने को पुकारा, लेकिन उन्होंने चर्चा में हिस्सा नहीं लिया। इसके बाद अध्यक्ष ने कांग्रेस सदस्य हरदीप बावा को चर्चा के लिए पुकारा और उन्होंने चर्चा शुरू की।

इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने सदन में नारेबाजी की और भारी शोरगुल के बीच वे नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।

सरकार गिराने में असफल हुई भाजपा- चौहान

संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आज कांग्रेस के विधायकों की संख्या 40 है और इतनी ही वर्ष 2022 में भी थी। यह सरकार मजबूत है और भाजपा ने इसे गिराने के जो प्रयास किए, वे विफल रहे। इंद्रदत्त लखनपाल ने जो बात सदन में कही, उसकी निंदा करते हैं।

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'कोई मुझे ही सिखाना चाहे तो मेरी उम्र सीखने की नहीं'

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि निंदा प्रस्ताव रखने के लिए वह हर्षवर्धन चौहान के आभारी हैं। सत्तापक्ष से ज्यादा समय विपक्ष के सदस्यों को मिला है। अब कोई मुझे ही सिखाना चाहे, तो मेरी यह उम्र सीखने की नहीं है। सदन में मैं चंद्र कुमार के बाद आया हूं।

उन्होंने कहा कि अन्य सभी सदस्य जो यहां मौजूद हैं, मेरे बाद आए हैं। नियम के मुताबिक सदस्य मुझे सहयोग करें। वह कभी कोई मौका नहीं देंगे कि सदन के अंदर कोई गलत शब्द निकले। उन्हें यह मालूम है कि सदन के भीतर क्या कहना है और क्या नहीं।

विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में यह बात नहीं कही थी। चुनावी सभा में पठानिया ने क्या गलत कह दिया। जो अपना ईमान बेच सकते हैं। यदि कानून के तहत उनके विरुद्ध कार्रवाई होती है तो क्या गलत है।

-सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री।

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