Move to Jagran APP

Himachal News: राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं पर जल उपकर लागू, 1000 करोड़ राजस्व आएगा

राज्य में मौजूदा समय में 172 जल विद्युत परियोजनाएं हैं जिससे 10 999 मेगावाट विद्युत क्षमता का उत्पादन हो रहा है। ऐसे में इन जल विद्युत परियोजनाओं को अब वाटर सेस देना होगा। सरकार विधानसभा के बजट सत्र में इसपर विधेयक लाएगी।

By Parkash BhardwajEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Sun, 12 Mar 2023 10:28 AM (IST)
Hero Image
सरकार विधानसभा के बजट सत्र में इसपर विधेयक लाएगी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं पर शनिवार से जल उपकर लागू हो गया है। सरकार ने जल उपकर लगाने की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही जल विद्युत परियोजनाओं को डीपीआर में दी गई विद्युत क्षमता के आधार पर जल उपकर भुगतान करना होगा। जल उपकर से सरकारी खजाने में सालाना एक हजार करोड़ की आय होने की आशा है।

जल उपकर लगाने को लेकर सरकार ने अध्यादेश जारी किया था। अब सरकार 14 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में हिमाचल प्रदेश वाटर सेस आन हाईड्रो पावर जनरेशन विधेयक-2023 लाएगी।

वाटर सेस को लगाने के लिए आयोग का गठन किया जाएगा। जिसमें अध्यक्ष के अलावा सदस्यों की नियुक्ति करने के लिए विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा।

राज्य में मौजूदा समय में 172 जल विद्युत परियोजनाएं हैं, जिससे 10 ,999 मेगावाट विद्युत क्षमता का उत्पादन हो रहा है। ऐसे में इन जल विद्युत परियोजनाओं को अब वाटर सेस देना होगा।

सरकार की तरफ से अधिसूचित किए गए नियमों के अनुसार यह राशि रजिस्ट्रीकरण प्रामण पत्र से लेकर परियोजना के आकार व जल स्रोत के उपयोग जैसे विषयों को ध्यान में रखकर वाटर सेस लिया जाएगा।

इसमें आवेदन के प्रारुप-1 में 500 रुपये शुल्क लगेगा। नियमों में जल विद्युत परियोजनाओं के विवाद से जुड़े निपटारे के विषय में भी जानकारी दी गई है।

- प्रभा

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।