Water Crisis: हिमाचल में सूखे से मिलेगी राहत, इन जिलों में तैनात किए गए पानी के टैंकर; अब नहीं होगी पानी की किल्लत
Water Crisis हिमाचल प्रदेश में अब पानी की किल्लत से राहत मिलेगी। पानी की कमी को देखते हुए जल शक्ति विभाग ने अहम फैसले लिए हैं। तीन जिलों में पानी के टैंकर तैनात किए गए हैं। इसी वर्ष मई के तीसरे सप्ताह से ही सूखे की स्थिति शुरू हो गई थी। वहीं समस्या को देखते हुए हिमाचल सरकार ने जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों की छुट्टी रद कर दी गई।
जागरण संवाददाता, शिमला। प्रदेश में सूखे जैसी स्थिति के मद्देनज़र जल शक्ति विभाग ने जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अहम कदम उठाए हैं। इसके तहत वर्ष 2024-25 के दौरान धर्मशाला और नुरपुर के सूखा ग्रस्त क्षेत्रों में 14 हैंडपंप सक्रिय किए हैं। वहीं जहां पेयजल आपूर्ति का कोई वैकल्पिक स्रोत नहीं है वहां टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। शिमला, कुल्लू और कांगड़ा जिलों में पानी के लिए टैंकर तैनात किए जा रहे हैं।
गर्मियों में जल स्त्रोतों का स्तर भी हो रहा कम
जल शक्ति विभाग की ओर से जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों से कम वर्षा और कम हिमपात के कारण प्रदेश लगातार सूखे का सामना कर रहा है। इसके कारण गर्मियों के दिनों में जल स्रोतों का स्तर भी कम हो रहा है। स्रोत रिचार्ज नहीं हो पा रहे हैं। इसी वर्ष मई के तीसरे सप्ताह से ही सूखे की स्थिति शुरू हो गई थी जिसके कारण 3933 बस्तियों को आपूर्ति करने वाली 1315 योजनाएं और लगभग 4 लाख 56 हजार की आबादी प्रभावित हुई है।
पानी की कमी से इतनी आबादी हुई प्रभावित
वहीं 15 जून तक की चरम अवधि के दौराना 6537 बस्तियों को जलापूर्ति करने वाली 1797 योजनाएं और 8 लाख 88 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने राज्य व जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों को नामित किया है जो सूखे की स्थिति उत्पन्न होने की सूरत में जिला प्रशासन से तालमेल करेंगे और स्थिति की निगरानी करेंगे।यह भी पढ़ें: Himachal By-Election 2024: 'उपचुनाव के बाद मजबूत होगी कांग्रेस...', महेश्वर चौहान ने बताई रणनीति; BJP पर भी बोला हमला
अधिकारी व कर्मचारियों की छुट्टियों पर प्रतिबंध
आपात स्थिति को छोड़कर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी पर प्रतिबंध लगा दिया है। विभाग ने स्थिति में सुधार आने तक पानी के नए कनेक्शनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। मौजूदा जलापूर्ति योजनाओं से निर्माण कार्य भी प्रतिबंधित कर दिए गए हैं उल्लंघना करने पर कनेक्शन काटने का भी प्रावधान किया गया है। मौजूदा जलापूर्ति योजनाओं से निर्माण कार्य करने पर कनेक्शन काटने का भी प्रावधान किया गया है।पेयजल को शुद्ध बनाने के लिए अपनाया गया ये तरीका
पेयजल की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का पर्याप्त भण्डारण, टैंकों, तालाबों और बावड़ियों की सफाई सुनिश्चित की गई है। एचडीपीई/रबड़ की पाइप बिछाकर सूखे और कम जल स्तर वाले स्रोतों के संवर्धन के लिए उपाय किए जा रहे हैं।यह भी पढ़ें: Shrikhand Mahadev Yatra: 17 जुलाई से शुरू होगी श्रीखंड महादेव यात्रा, इस दिन से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं श्रद्धालु
पेयजल के दुरूपयोग को रोकने के लिए जागरूकता संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं और गैर घरेलू उपयोग के लिए रसोई और बाथरूम से निकलने वाले पानी के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। पेयजल आपूर्ति के लिए नियंत्रित वितरण के साथ आवश्यकतानुसार व्यस्ततम घंटों में बिजली विभाग से पंपिंग प्रतिबन्धों में ढील देने का आग्रह किया गया है। विभाग का मानना है कि शीघ्र ही संकट की इस स्थिति से उबर जाएंगे परंतु तब तक जनता से सहयोग की अपील की गई है।
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