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Himachal News: 'मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना' को मिली हरी झंडी, हर महीने मिलेंगे 1000 रुपये; ऐसे करें आवेदन

Himachal News हिमाचल सरकार ने राज्य में ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के तहत विधवा बेसहारा तलाकशुदा महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता को उनके बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान किया जाएगा। ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ का लाभ लेने के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है।

By Anil Thakur Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 26 Aug 2024 04:07 PM (IST)
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हिमाचल में 'मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना' को मिली मंजूरी। (जागरण फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने एक नई पहल करते हुए ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता को उनके बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस योजना के लिए सालाना 53.21 करोड़ रुपये की धनराशि आबंटित करेगी

1000 रुपये का दिया जाएगा मासिक अनुदान

प्रेस को जारी ब्यान में मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य दो विशिष्ट आयु समूहों को सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता को 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए 1000 रुपये का मासिक अनुदान प्रदान किया जाएगा।

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इसके अतिरिक्त, स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठयक्रमों में प्रवेश पाने वाले बच्चों को ट्यूशन और छात्रावास का खर्च वहन करने के लिए भी सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

क्या है यह योजना?

मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक और वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण विधवा और परित्यक्त महिलाओं को अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में बहुत कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ये महिलाएं विशेष रूप से कमजोर हैं और उन्हें खुद का अस्तित्व बनाए रखने व अपने बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक नैतिक और वित्तीय सहायता की कमी है।

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इस योजना का उद्देश्य पारिवारिक स्तर पर बाल संरक्षण को सुदृढ़ कर बाल शोषण, तस्करी, बाल विवाह और मादक पदार्थों के दुरुपयोग जैसे मुद्दों को रोकना है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगता, बेरोजगारी और गरीबी के दृष्टिगत ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ दिव्यांग माता-पिता के बच्चों की जरूरतों को भी पूरा करती है।

कैसे करें आवेदन?

सभी पात्र महिलाएं, बच्चे और व्यक्ति जिनकी पारिवारिक आय एक लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं है, इस योजना के तहत लाभ ले सकेंगे। इस योजना का लाभ उठाने के लिए स्थानीय बाल विकास परियोजना अधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है।

सुक्खू ने कहा कि कमजोर परिवारों के लिए एक उचित माहौल को बढ़ावा देना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक शिक्षा और देखभाल मिले।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता में आते ही पहले दिन से ही वंचित वर्गों को सशक्त बनाने को प्राथमिकता दी है और उन्हें समर्थन देने के लिए कई पहल शुरू की हैं। समाज के कुछ वर्ग ऐसे हैं जो अपनी शिकायतें और कठिनाइयां लेकर हमारे पास नहीं आ पाते हैं लेकिन एक संवेदनशील सरकार के रूप में हम हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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