क्या है संजौली मस्जिद विवाद, 14 साल में कैसे खड़ी हो गई 4 मंजिलें? पढ़ें क्यों हुआ शिमला में बवाल
शिमला के संजौली मस्जिद (Shimla Masjid Row) का विवाद काफी बढ़ गया है। हिंदू संगठन लगातार यहां प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को यहां भीड़ को काबू करना मुश्किल हो गया और पुलिस को यहां लाठीचार्ज करना पड़ गया। हालात बेकाबू होने के बाद वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल करना पड़ा। लेकिन ऐसे में एक सवाल उठ रहा है कि अचानक ये विवाद इतना कैसे बढ़ता चला गया।
डिजिटल जागरण, शिमला। लाठीचार्ज, पथराव और फिर वॉटर कैनन... शिमला का संजौली क्षेत्र इस समय किसी युद्ध के मैदान से कम नहीं दिख रहा। हिंदू संगठनों ने इस क्षेत्र में बुधवार को खूब बवाल काटा। भारी आक्रोश का कारण यहां मस्जिद में कथित रूप से हुआ अवैध निर्माण।
संजौली का मस्जिद विवाद सिर्फ हिमाचल तक ही सीमित नहीं रहा है बल्कि पूरे देश में छाया हुआ है। दिलचस्प बात ये है कि अवैध निर्माण का मामला कल या आज का नहीं है बल्कि 14 साल पुराना है और शिमला नगर निगम की अदालत में लंबित है। तो फिर अब 14 साल पहले लगी आग कि चिंगारी अचानक अब कैसे भड़की और अचानक हिंदू संगठन सड़कों पर उतर पड़े, आइए समझते हैं।
साल 2010 से ये मामला नगर निगम कोर्ट में चल रहा है। ऐसी भी जानकारी है कि नगर निगम की कोर्ट में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर बार-बार नोटिस जारी किए गए लेकिन फिर भी चार से पांच मंजिल अवैध तरीके से यहां खड़ी कर दी गईं।
14 साल बाद कैसे भड़की चिंगारी?
पिछले महीने यानी कि अगस्त माह की बात है संजौली के मल्याणा क्षेत्र में एक दुकान पर काम करने वाले 37 वर्ष के विक्रम सिंह के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी। मारपीट करने वाले कुछ लोगों में मुस्लिम थे। दोनों पक्षों के बीच हुई कहासुनी कब मारपीट में तब्दील हो गई पता नहीं चला। मामला इतना बढ़ गया कि आरोपियों ने विक्रम सिंह पर डंडे और रॉड से वार किया। इसके बाद पीड़ित बुरी तरह जख्मी हो गया।अब इसके बाद ऐसी सूचना सामने आई कि ये आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद मस्जिद में आकर छिप गए। बस फिर क्या था, इस मामले ने देखते ही देखते तूल पकड़ लिया और फिर 14 साल पुराने अवैध निर्माण मामले की परतें खुलती गईं।
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