Himachal Politics: 'चाहे त्याग पत्र स्वीकारें या फिर बर्खास्त करें, दोनों स्थितियों में...', इस्तीफा मामले पर बोले होशियार सिंह
एक जून को तीन निर्दलीय सदस्यों के विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने की संभावना समाप्त होने वाली है। इन तीनों निर्दलीय सदस्यों ने 22 मार्च को त्याग पत्र दे दिया था। वहीं उन्होंने 23 मार्च को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। इसके साथ ही निर्दलीय सदस्य होशियार सिंह ने कहा कि चाहे त्याग पत्र स्वीकारें या फिर बर्खास्त करें दोनों ही स्थितियों में चुनाव होना तय है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। निर्दलीय सदस्य रहे होशियार सिंह का कहना है कि सरकार में दम होता तो हमारे त्याग पत्र स्वीकार करने के मामले में अनावश्यक अड़ंगा न डालते। प्रदेश सरकार की ओर से सबकुछ रणनीति के तहत किया जा रहा है। प्रत्येक कदम विधि विशेषज्ञों से चर्चा करके उठाया जा रहा है।
संपर्क करने पर निर्दलीय विधायक होशियार सिंह का कहना था कि दोनों परिस्थितियों में त्याग पत्र ही तो स्वीकार करना था, चाहे विधानसभा अध्यक्ष हमारे द्वारा दिए गए त्याग पत्र स्वीकार कर लेते। अब राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की ओर से की गई शिकायत को आधार बनाकर बर्खास्तगी करते। उनका आरोप है कि सरकार मौजूदा चुनाव प्रक्रिया के तहत उपचुनाव करवाने का साहस नहीं रखती थी।
विधानसभा सचिव को भी सौंपा था त्याग पत्र- निर्दलीय विधायक
उन्होंने कहा कि हम तो चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं और हमने संविधान के सभी प्रविधानों का पालन करते हुए विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दिया था। 22 मार्च को हमने व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को उनके निवास पर और उसके बाद कार्यालय में त्याग पत्र सौंपा था। इतना ही नहीं, विधानसभा सचिव को भी त्याग पत्र सौंपा था।ये भी पढ़ें: NEET Exam 2024: देश भर में नीट की परीक्षा आज, शिमला के 11 केंद्रों में चार हजार बच्चे देंगे एग्जाम; ये है ड्रेस कोड
उनका तर्क था कि नियम ये कहते हैं कि किसी भी सदस्य की ओर से त्याग पत्र दिए जाने की स्थिति में उसका त्याग पत्र स्वीकार किया जाना चाहिए। लेकिन हमारे मामले में पूरी तरह से राजनीति हो रही है। लेकिन हम घबराने वाले नहीं है, ये तो निश्चित है कि हमारा त्याग पत्र दो तरह से निर्णय लेकर स्वीकार किया जाएगा।
11 मई को हम नहीं आएंगे
होशियार सिंह ने स्पष्ट किया कि 11 मई को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की शिकायत के आधार पर होने वाली सुनवाई के दिन हम तीनों निर्दलीय विधायक उपस्थित नहीं होंगे। इसके पीछे कारण है कि त्याग पत्र को तत्काल प्रभाव से स्वीकार नहीं किया गया। अब चाहे जो आदेश करें।ये भी पढ़ें: PBKS Vs CSK: धर्मशाला में क्रिकेट का रोमांच...लोगों में दिखा धोनी का क्रेज, एंट्री गेट पर उमड़ी फैंस की भीड़
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