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Himachal Politics: आखिर क्यों हुआ विक्रमादित्य का सुक्खू सरकार से 'मोहभंग', इन पांच बिंदुओं में समझिए इस्तीफे की वजह

Himachal Political Crisis आज सवेरे हिमाचल की सियासी उधेड़बुन के बीच कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सरकार को घेरते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कईं शिकायतें रखीं। पर यह पहली बार नहीं है जब विक्रमादित्य का सरकार को लेकर मनमुटाव रहा है। इस आर्टिकल में आप इन पांच बिंदुओं से इस्तीफे की वजह जान पाएंगे...

By Prince Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 28 Feb 2024 04:49 PM (IST)
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Himachal Politics: आखिर क्यों हुआ विक्रमादित्य का सुक्खू सरकार से 'मोहभंग'
डिजिटल डेस्क, शिमला।  Vikramaditya singh and CM Sukhu: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के बाद मानो प्रदेश की पूरी सियासी तस्वीर बदल गई। इसी उठापटक के बीच आज सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सीएम सुक्खू को घेरते हुए सरकार को लेकर कई शिकायतें सामने रखीं। विक्रमादित्य राज्य लोक निर्माण मंत्री थे।

यह आज पहली बार नहीं है जब विक्रमादित्य सिंह और सुक्खू सरकार के बीच खटास देखी जा रही है। इससे पहले भी विक्रमादित्य पार्टी के विरुद्ध जाते रहे हैं। इसी क्रम में आइए, इन पांच बिंदुओं में समझते हैं कि विक्रमादित्य ने क्यों मंत्री पद से इस्तीफा दिया और सुक्खू सरकार को लेकर उनकी क्या नाराजगी रही।

राम मंदिर में जाना सौभाग्य: विक्रमादित्य

22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इस बीच कांग्रेस के नेताओं को भी निमंत्रण मिला। हालांकि, विपक्षी दल ने निमंत्रण मिलने के बावजूद समारोह में जाने से इनकार कर दिया। इस बीच विक्रमादित्य ने कहा कि हिमाचल में कुछ ही लोगों को निमंत्रण का सौभाग्य मिला है। उन्होंने निमंत्रण के लिए आरएसएस व विश्व हिंदू परिषद का आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर जीवन में बहुत कम मिलते हैं।

प्रतिभा सिंह थीं सीएम का चेहरा

साल 2022 में हिमाचल में चुनाव हुए और हिमाचल को जीत मिली। इस बीच दावेदारी में वीरभद्र की पत्नी और विक्रमादित्य की मां प्रतिभा सिंह भी शामिल थीं। वह मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे थीं। मगर परिवारवाद कहीं पार्टी की मुश्किल न बढ़ा दे। इसलिए मुख्यमंत्री की कुर्सी सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास चली गई।  

विधायकों की हुई अनदेखी

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री ने कहा कि विधायकों की अनदेखी हुई है। यह उसी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह के योगदान से सरकार बनी। पिछले एक साल से हमने सरकार से कुछ नहीं बोला। 

पिता की मूर्ति के लिए नहीं मिली जगह

विक्रमादित्य ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने पिता व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को याद किया। उन्होंने कहा कि जिनका नाम लेकर सरकार बनाई गई, उनकी मूर्ति के लिए दो गज की जमीन तक नहीं मिली। उन्होंने पिता की स्थिति मुगल सम्राट बहादुर शाह के उदाहरण के साथ रखी।

राज्यसभा सांसद के करीबी रहे हैं हर्ष महाजन 

हर्ष महाजन जो हिमाचल से राज्यसभा के लिए सांसद चयनित हुए हैं। उनका संबंध विक्रमादित्य के पिता वीरभद्र सिंह से रहा है। वह पूर्व सीएम के काफी करीबी थे। हर्ष महाजन दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र के रणनीतिकार भी थे।

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