हिमाचल में लड़कियों की शादी की उम्र 18 नहीं 21 साल... जानिए प्रदेश की बेटियों के लिए कितना मायने रखता है ये फैसला
Hindu Marriage Act देश में जल्द ही लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर बदलाव होने वाले हैं। इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि यदि महिलाओं की वैवाहिक उम्र को तीन साल बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया जाए तो लड़कियों के लिए यह कैसे फायदेमंद साबित हो सकता है और किस तरह से यह कदम उनके विकास को उचित दिशा की ओर ले जा सकता है...
प्रिंस शर्मा, शिमला (Hindu Marriage Age )। देश में जल्द ही लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर बदलाव होने वाले हैं। इसे लेकर हाल ही में हिमाचल प्रदेश की कैबिनेट मीटिंग में संशोधन करने की घोषणा की गई है। गौरतलब है कि अभी तक लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल थी, जिसे 21 साल करने के बारे में विचार किया जा रहा है। ऐसे में आपके मन में हो सकता है कि एक सवाल भी आ रहा हो कि आखिर उम्र बढ़ाने से एक लड़की के जीवन पर क्या असर पड़ सकते हैं।
इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि यदि महिलाओं की वैवाहिक उम्र को तीन साल बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया जाए तो लड़कियों के लिए यह कैसे फायदेमंद साबित हो सकता है और किस तरह से यह कदम उनके विकास को उचित दिशा की ओर ले जा सकता है...भारतीय संविधान में महिलाओं की वैवाहिक उम्र 18 वर्ष है। हिमाचल सरकार इसमें बदलाव ला रही है। सवाल है सरकार के इस कदम से महिलाओं को क्या फायदे हो सकते हैं?
शादी की उम्र बढ़ने से क्या-क्या फायदे?
दरअसल, इसके पीछे कई कारण हैं। उदाहरण के लिए भारत में बेटियों की उम्र 18 साल होते ही संरक्षक उनकी शादी को लेकर विचार करना शुरू कर देते हैं। जिससे उनकी शिक्षा और सपने प्रभावित होते हैं। ऐसे में लड़कियों की वैवाहिक उम्र यदि 21 वर्ष कर दी जाए तो बेटियों को पढ़ाई और रोजगार के अवसर अधिक मिल सकेंगे।
वहीं, महिलाओं के सामाजिक और मानसिक विकास के लिए तथा उनकी परिपक्वता के लिए भी हिमाचल सरकार इस फैसले के साथ आगे बढ़ रही है ताकि बेटियां अपना निर्णय अधिक क्षमता के साथ ले सकें। इन सबसे इतर मुख्य और आवश्यक कारण यह है कि कम उम्र में गर्भधारण में मातृ-शिशु मृत्यु दर की संख्या में इजाफा होता है। यदि आयु बढ़ाई जाएगी तो निश्चित ही इन आंकड़ों में कमियां देखने को मिलेगी।
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