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संजौली मस्जिद तोड़ने का का काम रुका, कमेटी ने कहा नहीं हैं पैसे; हिंदू संगठन बोले- बिना मजदूरी तोड़ने को तैयार

संजौली मस्जिद (Sanjauli Masjid Vivad) के अवैध हिस्से को तोड़ने का काम शुरू हुआ था लेकिन अब धन की कमी के कारण रोक दिया गया है। मस्जिद कमेटी का कहना है कि धन की व्यवस्था होने पर मस्जिद तोड़ी जाएगी। दूसरी ओर संजौली सिविल सोसायटी ने कहा है कि अगर मस्जिद कमेटी के पास मजदूर नहीं हैं तो वे मदद करने के लिए तैयार हैं।

By Rohit Sharma Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Tue, 22 Oct 2024 07:38 PM (IST)
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धनी की कमी की वजह से संजौली मस्जिद तोड़ने का काम रुका।
जागरण संवाददाता, शिमला। संजौली स्थित मस्जिद का अवैध हिस्सा तोड़ने का सोमवार को शुरू किया काम मंगलवार को रोक दिया गया। मस्जिद कमेटी ने कहा कि धन की कमी है, इसलिए काम रोका गया है। धन की व्यवस्था होने पर मस्जिद तोड़ी जाएगी।

उधर, संजौली सिविल सोसायटी ने कहा कि अगर मस्जिद कमेटी के पास अवैध तीन मंजिलें तोड़ने के लिए मजदूर नहीं हैं तो हम मदद करने के लिए तैयार हैं। घर से खाना भी खुद लाएंगे और मस्जिद तोड़ने के बदले मजदूरी भी नहीं लेंगे।

अवैध हिस्सा तोड़ने के नाम पर की जा रही लीपापोती

संजौली सिविल सोसायटी और देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। मस्जिद का अवैध हिस्सा तोड़ने के नाम पर लीपापोती की जा रही है। सिविल सोसायटी के पदाधिकारी विजय शर्मा का कहना है कि अगर मस्जिद कमेटी के पास मजदूर नहीं हैं, तो हम कार सेवा के लिए तैयार हैं।

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देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भरत भूषण ने कहा कि स्थानीय लोगों की ओर से संजौली में हुए अवैध निर्माण को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दी गई है। उच्च न्यायालय ने याचिका स्वीकार करते हुए नगर निगम आयुक्त कोर्ट को आठ सप्ताह के भीतर मामले का निपटारा करने का आदेश दिया है। 14 वर्ष से मामला कोर्ट में लंबित है।

उन्होंने कहा कि देवभूमि संघर्ष समिति दो विषयों को लेकर सड़क पर उतरी थी। इसमें प्रदेश में हो रहे अतिक्रमण और अवैध निर्माण के साथ प्रदेश में आ रहे अन्य राज्यों के लोगों के पंजीकरण का मुद्दा था, जब तक दोनों मामलों पर प्रशासन संतोषजनक कार्रवाई नहीं करता तब तक देवभूमि संघर्ष समिति संघर्षरत रहेगी।

फेरी वाले को पीटना गलत

देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि धामी में फेरी वाले को पीटने का मामला सामने आया है। यह गलत है। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले फेरी वालों से उनके दस्तावेजों के बारे में पूछताछ करना उचित है, लेकिन किसी को पीटना सही नहीं है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों का पंजीकरण किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में भी दस्तावेजों के बारे में लोगों से पूछताछ होनी चाहिए। अगर कोई संदिग्ध नजर आता है तो पुलिस को उसकी शिकायत करें। पुलिस द्वारा भी ऐसे लोगों के साथ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए।

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